मुंबई: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सर्वकालिक सर्वाधिक रन जुटाने वाले विराट कोहली को लगता है कि इस लुभावनी लीग में 14 साल से खेलते हुए उन्हें महसूस हुआ कि जिस खेल में उन्हें सुपरस्टार का दर्जा हासिल हुआ है, उसमें सफलता हासिल करने का महज एक तरीका नहीं है।पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि इससे उन्हें खेल की समझ में अलग आयाम जोड़ने में मदद भी मिली।
लंबे समय से खराब फॉर्म से जूझने के बाद लय हासिल करने की कोशिश में जुटे कोहली ने आईपीएल में करीब 6500 रन बनाये हैं। वह 2008 में शुरूआती चरण से ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) के लिये खेल रहे हैं।
आईपीएल के उनके जीवन पर पड़ने वाले असर के बारे में कोहली ने स्टार स्पोर्ट्स के इनसाइड आरसीबी शो पर कहा, मुझे लगता है कि भारत के लिये खेलने के अलावा आईपीएल ने मुझे अपनी काबिलियत दिखाने, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने और उनके साथ क्रिकेट की जानकारी साझा का मंच दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह सबसे अहम चीज थी जिसने मेरी खेल की समझ में एक अलग आयाम जोड़ा। इससे मुझे काफी प्रगतिशील तरीके से आगे बढ़ने में मदद मिली।
उन्होंने कहा, मैं अन्य देशों के खिलाड़ियों से खेल का ज्ञान ले रहा था, जो शायद आईपीएल के बिना संभव नहीं होता जैसे कि विभिन्न परिस्थितियों में किस तरह से खेला जाये और इनमें उनकी मानसिक स्थिति किस तरह की होती है।
कोहली ने कहा, लोगों के सफलता हासिल करने के अलग तरीके हैं इसलिये इसके लिये सिर्फ एक खाका नहीं हो सकता। इसलिये मैं उनसे जानकारी लेने का मौका हासिल करने के लिये काफी उत्साहित हो जाता और उनका शुक्रगुजार भी। मैं उनसे दिन रात सीखता और इसी से ही आईपीएल में मेरा प्रदर्शन शानदार रहा।
गुजरात टाइटन्स के खिलाफ अर्धशतक और मुंबई इंडियंस के खिलाफ इससे पहले 48 रन की पारी के अलावा कोहली इस सत्र में रन जुटाने के लिये जूझते रहे हैं।इस बल्लेबाज ने अभी तक 10 मैचों में 20.67 के औसत से 186 रन बनाये हैं।
कोहली ही एकमात्र खिलाड़ी हैं जो आईपीएल की शुरूआत से ही एक फ्रेंचाइजी के साथ रहे हैं।आरसीबी के प्रति अपनी वफादारी (हालांकि वह टीम को अभी तक एक भी ट्राफी नहीं दिला सके हैं) के बारे में कोहली ने कहा, सच कहूं तो मैंने इसके बारे में सोचा। हां, मुझे कई बार नीलामी में आने के लिये पेशकश की गयी कि मैं अपना नाम दूं, इसी तरह की बातें।
कोहली ने कहा, लेकिन मैंने इसके बारे में सोचा कि हर किसी के पास इतने वर्ष होते हैं और वे जीते हैं और फिर चले जाते हैं और जिंदगी चलती रहती है। ऐसे कई महान खिलाड़ी होंगे जिन्होंने ट्राफी जीती होंगी लेकिन आपको कोई इस तरह नहीं पुकारता कि ओह, वह आईपीएल चैम्पियन है या वह विश्व कप चैम्पियन है।
उन्होंने कहा, यह इसी तरह है कि अगर आप अच्छे व्यक्ति हो तो लोग आपको पसंद करते हैं, अगर आप खराब हो तो वे आपसे दूर रहते हैं और आखिरकार जिंदगी यही है। कोहली 2008 में जब पहली बार आरसीबी के लिये खेले थे तो वह महज 18 वर्ष के थे। 2011 में उन्हें टीम की कप्तानी सौंपी गयी। 2016 सत्र उनके लिये शानदार रहा जिसमें उन्होंने 973 रन बनाये, ये किसी खिलाड़ी के एक आईपीएल सत्र में सर्वाधिक रन थे। हालांकि आईपीएल ट्राफी तक वह अभी तक नहीं पहुंच सके हैं जबकि वह 2009 और 2016 चरण में फाइनल में खेले थे।(भाषा)