युवराज को गुस्सा क्यों आता है?

शराफत खान
आईपीएल के 46वें मैच में किंग्स इलेवन पंजाब ने मुंबई इंडियन्स को बेहद रोमांचक मुकाबले में हराया। आईपीएल के पिछले 45 मैचों का रोमांच इसमें समा गया। हार-जीत का अंतर कहता है कि इस मैच ने रोमांच के चरम को छुआ।

मुंबई इंडियन्स के लिए 190 रनों का लक्ष्य आसान नहीं था, लेकिन जयसूर्या के तूफानी फॉर्म और सचिन तेंडुलकर जैसे नाम की वजह से लग रहा था कि मुंबई इंडियन्स इस लक्ष्य को हासिल कर लेगी।

जयसूर्या ने केवल 20 रन बनाए लेकिन इस दौरान उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के गेंदबाजों को दबाव में ला दिया। दूसरे छोर पर सचिन थे, जिनकी विकेट पर मौजूदगी से ही किंग्स इलेवन पंजाब के गेंदबाज आतंकित थे। स्मिथ और नायर ने सचिन के मार्गदर्शन में तेजी से रन बनाए और किंग्स इलेवन पंजाब पर हार का खतरा मंडराने लगा।

आखिरी चार ओवरों में मुंबई इंडियन्स को जीत के लिए 34 रनों की जरूरत थी और उसके सात विकेट शेष थे। सबसे बड़ी बात यह कि सचिन क्रीज पर मौजूद थे। मुंबई की जीत पर किसी को शक नहीं था, लेकिन पारी के 17वें ओवर में रॉबिन उथप्पा की एक गैर जिम्मेदाराना कॉल पर सचिन बदकिस्मती से रन आउट हो गए। हालाँकि इसका श्रेय इरफान पठान के सटीक थ्रो को भी जाता है। यानी मुंबई ने 24 गेंदों के अंदर अपने सात विकेट गँवा दिए। पुछल्ले बल्लेबाजों की अनुभवहीनता ने मुंबई को नुकसान पहुँचाया।

सचिन जिस अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे, उससे लग रहा था कि वे मैच जितवाकर ही पैवेलियन लौटेंगे, लेकिन उथप्पा ने गलतफहमी पैदा करके सचिन को रन आउट करवा दिया।

सचिन महान हैं, सिर्फ इसलिए नहीं कि उनके जैसा बल्लेबाज कोई दूसरा नहीं, बल्कि इसलिए भी कि वे एक आदर्श क्रिकेटर हैं। किंग्स इलेवन पंजाब के ‍फील्डर्स जब कभी सुस्त क्षेत्ररक्षण कर रहे थे उनके कप्तान युवराजसिंह उन्हें पूरा दम लगाकर डाँट लगा रहे थे। दूसरी तरफ सचिन को जब उथप्पा ने रन आउट करवा दिया तो सचिन ने पैवेलियन जाने से पहले उथप्पा का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि कोई बात नहीं, अब तुम मैच जितवाकर आना। कितना फर्क है एक महान खिलाड़ी और एक दिग्गज क्रिकेटर में।

कुछ लोगों में जबरदस्त प्रतिभा होती, कुछ में बेहतरीन आचरण। सचिन की प्रतिभा से ज्यादा उनका आचरण सौम्य है और अपने आचरण से अधिक वे एक महान खिलाड़ी हैं। जबकि युवराजसिंह में सिर्फ प्रतिभा है, वे जोश में खुद पर काबू नहीं रख पाते हैं और यही वजह है कि भारतीय टीम की कप्तानी के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाता। सचिन जैसे खिलाड़ी के खिलाफ जीतने का सुकून हर किसी को होना चाहिए, लेकिन युवराज ने मुंबई इंडियन्स पर जीत हासिल करने के बाद जो ओवर रिएक्ट किया उस पर सवाल उठना जायज है।

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