( वेबदुनिया न्यूज) दक्षिण अफ्रीका में खेले गए पहले ट्वेंटी-20 विश्व कप की विजेता भारतीय क्रिकेट टीम का मुंबई पहुँचने पर जोरदार स्वागत हुआ। भारतीय योद्धाओं को हवाई अड्डे से 'विजय रथ' पर वानखेड़े स्टेडियम लाया गया।
यहाँ आयोजित एक समारोह में हर खिलाड़ी को 80 लाख का चेक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रदान किया। युवराज को बोर्ड ने 6 छक्के लगाने के लिए 1 करोड़ रुपए का पुरस्कार अलग से दिया।
धोनी को महाराष्ट्र का प्रतीक चिह्न भी प्रदान किया गया। जब धोनी अपना पुरस्कार लेने आए तो पूरा स्टेडियम 'धोनी-धोनी' की आवाज से गूँज उठा। मंच पर भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ के प्रत्येक अधिकारी को 15-15 लाख रुपए का चेक प्रदान किया गया।
धोनी से सवाल जवाब : कप्तान धोनी ने मंच पर ही सवालों के जवाब दिए। धोनी के अनुसार यह विश्व कप हमारे लिए काफी चुनौतीभरा था। जब हम अफ्रीका की जमीन पर उतरे, तब कोई नहीं जानता था कि हम ही खिताब के दावेदार हैं। हमने मैच-दर-मैच अपनी मंजिल तय की और फाइनल को भी एक मैच की तरह लिया।
धोनी के अनुसार फाइनल मैच में जब मिस्बाह ने अपना शॉट खेला, तब मैं श्रीसंथ को नहीं, उनके हाथों को देख रहा था। श्रीसंथ के हर समय उत्तेजित और जोश के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह के एक बंदे का टीम में होना जरूरी भी है। कप्तान के अनुसार छोटे-छोटे शहरों से आ रहे सितारों में भी काफी दम है।
धोनी ने भारतीय टीम के ऐतिहासिक स्वागत और हौसला अफजाई करने के लिए पूरी मुंबई का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मुझे यहाँ आकर इतनी अधिक खुशी मिल रही है कि मैं उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता। हमने विश्व कप जीता था, लेकिन उससे ज्यादा खुशी पूरे देश को हो रही है, यह देखकर बेहद प्रसन्नता हुई।
छह घंटे में पहुँचा काफिला : 25 किलोमीटर का रास्ता तय करके क्रिकेट सितारे दोपहर 1.45 को स्टेडियम आए, जहाँ 45 हजार क्रिकेट दीवानों ने उन्हें सलाम ठोंका। माही की सेना के जवानों को वानखेड़े स्टेडियम पहुँचने में लगभग 6 घंटे का वक्त लगा।
इससे पहले हजारों की तादाद में क्रिकेट प्रशंसक अपने नायकों का दीदार करने के लिए वर्षा के बावजूद छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जमा हो गए थे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, उपमुख्यमंत्री आरआर पाटिल, क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारी बीसीसीआई के अध्यक्ष शरद पवार, उपाध्यक्ष ललित मोदी और राजीव शुक्ला, सचिव निरंजन शाह तथा मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर खिलाड़ियों के स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
हवाई अड्डे पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे, लेकिन फिर भी खिलाड़ियों को बाहर निकलने में काफी दिक्कत हुई और अंतत: वे खुली बस में सवार हो गए। सबसे आगे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी बाहर निकले। उनके साथ प्रशासनिक प्रबंधक सुनील देव थे।
स्टार बल्लेवाज युवराज पहले थोड़ा थके हुए दिखाई दिए, लेकिन बस में चढ़ने के बाद वे भाँगड़ा करने लगे। अन्य खिलाड़ियों के चेहरे पर राहत की झलक थी। सफेद टी-शर्ट पहने खिलाड़ियों ने भीड़ का अभिवादन स्वीकार किया और राष्ट्रीय ध्वज लहराया। वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश मुफ्त था, ताकि अधिकाधिक संख्या में लोग क्रिकेटरों की एक झलक पा सकें।
जोरदार स्वागत : जुलूस मार्ग में उमड़े लाखों प्रशंसकों ने जगह-जगह फूल बरसाकर 16 सदस्यीय भारतीय रणबाँकुरों का स्वागत किया। इन्द्रदेव ने भी फुहारों से टीम इंडिया का स्वागत किया। युवराजसिंह, श्रीसंथ, रॉबिन उथप्पा, हरभजनसिंह और कुछ अन्य खिलाड़ी जहाँ पूरे समय थिरकते रहे, वहीं कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी पूरे समय शांत नजर आए।