चेन्नई की‍ निगाह लगातार चौथी जीत पर

Webdunia
गुरुवार, 7 मई 2009 (11:10 IST)
डेक्कन चार्जर्स पर पिछले मैच में बड़ी जीत दर्ज करके नया जोश हासिल करने वाली चेन्नई सुपर किंग्स इंडियन प्रीमियर लीग में जब यहाँ किंग्स इलेवन पंजाब से भिड़ेगी, तो उसकी निगाह लगातार चौथी जीत पर होंगी।

डेक्कन के खिलाफ 78 रन की जीत ने पिछले साल की उपविजेता चेन्नई की टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है। अभी वह अंक तालिका में दूसरे नंबर पर है और महेंद्रसिंह धोनी की अगुवाई वाली इस टीम की जीत की लय हासिल करना दूसरी टीमों के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है।

इसके विपरीत पंजाब की टीम को पिछले मैच में राजस्थान रॉयल्स से हार का सामना करना पड़ा और वह अभी चार जीत के साथ अंक तालिका में छठे स्थान पर है।

यह टूर्नामेंट का नाजुक मोड़ है और यहाँ पर किसी भी तरह की चूक टीम पर भारी पड़ सकती है। इससे न सिर्फ धोनी बल्कि युवराज भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं।

इन दोनों टीमों का दारोमदार अपने बल्लेबाजों पर है, क्योंकि उनकी गेंदबाजी में जरूरी पैनापन नहीं दिखा है। पंजाब की बल्लेबाजी कप्तान युवराजसिंह के अलावा श्रीलंकाई कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने तथा ऑस्ट्रेलियाई साइमन कैटिच के इर्द-गिर्द घूमती है।

किंग्स इलेवन अभी सलामी जोड़ी को लेकर असमंजस में है। सन्नी सोहाल राजस्थान के खिलाफ पिछले मैच में पहली गेंद पर आउट हो गए। युवराज ऐसे में संगकारा के साथ स्वयं पारी का आगाज करने के लिए उतर सकते हैं।

पंजाब के बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज यूसुफ अब्दुल्ला ने बल्लेबाजों को जरूर परेशान किया है और अभी सर्वाधिक 14 विकेट लेने के कारण उनके पास परपल कैप है, लेकिन उन्हें इरफान पठान और एस. श्रीसंथ से भी अच्छे सहयोग की दरकार है।

जहाँ तक चेन्नई का सवाल है तो मैथ्यू हेडन का तूफानी फार्म उसके लिए वरदान बनता जा रही है। एम. विजय ने भी पिछले मैच में उनका अच्छा साथ दिया, जिससे टीम बेहतर शुरुआत हासिल करने में सफल रही।

कप्तान धोनी शुरुआती मैचों में रनों के लिए तरसते रहे, लेकिन हैदराबादी टीम के खिलाफ 37 गेंद में 58 रन बनाकर उन्होंने फार्म में वापसी की है, जो चेन्नई की टीम के लिए अच्छी खबर कही जा सकती है।

सुरेश रैना ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करके मध्यक्रम को ढहने से रोका है लेकिन चेन्नई को न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर जैकब ओरम और दक्षिण अफ्रीकी एल्बी मोर्कल के जगजाहिर तीखे तेवरों का इंतजार है।

गेंदबाजी में टीम का दारोमदार काफी हद तक मुथैया मुरलीधरन पर टिका है, लेकिन पिछले दो मैच में बाएँ हाथ के स्पिनर शादाब जकाती ने जिस तरह से विरोधी बल्लेबाजों को अपनी गेंदों से नचाया है, उससे मैच का पलड़ा चेन्नई के पक्ष में भारी हुआ।

धोनी की टीम हालाँकि अब भी नई गेंद संभालने वाले गेंदबाजों को लेकर चिंतित है, क्योंकि एल. बालाजी, मोर्कल और सुदीप त्यागी में से कोई भी निरंतर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है।

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