भारतीयों के चेहरों पर दिखी निराशा

Webdunia
सोमवार, 4 मई 2009 (10:58 IST)
इंडियन प्रीमियर लीग के कारण जून में इंग्लैंड में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप क्रिकेट चैंपियनशिप के लिए भारत को प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन इस टूर्नामेंट के लिए संभावित भारतीय टीम के यदि आईपीएल में अब तक प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो तस्वीर उत्साहजनक नहीं दिखती है।

आईपीएल के दो सप्ताह के अंदर 7 जून से जब ट्वेंटी-20 विश्व कप शुरू होगा तो उसमें कप्तान महेंद्रसिंह धोनी, युवराजसिंह, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, रोहित शर्मा, हरभजनसिंह, ईशांत शर्मा और जहीर खान की जगह पक्की मानी जा रही है लेकिन टीम के ये महत्वपूर्ण सदस्य दक्षिण अफ्रीका में चल रहे आईपीएल टू में अभी तक धमाल मचाने में नाकाम रहे हैं।

इसके विपरीत सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिन्होंने अपनी मर्जी से ट्वेंटी-20 टीम का हिस्सा बनना उचित नहीं समझा। इनके अलावा आरपी सिंह और लक्ष्मीपति बालाजी ने राष्ट्रीय टीम में वापसी का मजबूत दावा पेश कर दिया है।

भारतीय कप्तान धोनी बल्ले से बुरी तरह असफल रहे हैं। पहले छह मैच में उनके नाम पर केवल 107 रन दर्ज थे। वे कई मौकों पर भी असफल रहे जबकि चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से उनकी कप्तानी भी बहुत प्रभावशाली नहीं रही है।

धोनी के साथ उपकप्तान की भूमिका निभाने वाले युवराजसिंह ने आईपीएल टू की पहली हैट्रिक तो बनाई लेकिन उनका बल्ला भी अभी तक अधिकतर चुप्पी ही साधे रहा है। किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान के नाम पर छह मैच में 146 रन दर्ज हैं, जो उनकी काबिलियत से न्याय नहीं करते हैं।

अब यदि सलामी जोड़ी की बात की जाए तो भला सहवाग और गंभीर की जगह कौन ले सकता है लेकिन दिल्ली डेयरडेविल्स के इन दोनों दिग्गजों ने शुरुआती क्रमश: 87 और 69 रन बनाए और वे किसी भी मैच में टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए। पिछले आईपीएल में इन दोनों ने जमकर रन बटोरे थे और दिल्ली शीर्ष क्रम की बदौलत सेमीफाइनल तक पहुँचा था लेकिन इस बार मध्यक्रम की वजह से उसे जीत मिली हैं।

राजस्थान रॉयल्स के यूसुफ पठान और डेक्कन चार्जर्स के रोहित शर्मा भी लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। न्यूजीलैंड दौरे में ट्वेंटी-20 टीम के सदस्य रहे रविंदर जडेजा और दिनेश कार्तिक का भी यही हाल रहा है।

सुरेश रैना जरूर अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। वे आईपीएल में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बनने से चूक गए लेकिन पहले छह मैच में उनके बल्ले से निकले 232 रन इस बात का सबूत हैं कि चेन्नई सुपर किंग्स का बाएँ हाथ का यह बल्लेबाज अच्छी फार्म में चल रहा है। रैना का भी विश्व कप टीम में स्थान तय है।

इरफान पठान भी बल्ले और गेंद से अच्छा प्रदर्शन करके राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह पक्की करने की राह पर हैं लेकिन भारतीय टीम के अग्रणी गेंदबाजों ने अभी तक निराश किया है।

नाइटराइडर्स की तरफ से ईशांत शर्मा किसी भी मैच में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए और अब तक उन्होंने छह मैच में 20.14 की औसत से सात विकेट लिए हैं। जहीर खान का भी यही हाल है जिनके नाम पर पाँच मैच में पाँच विकेट दर्ज हैं और उनका 26 का औसत ट्वेंटी-20 के लिहाज से उत्साहजनक नहीं है।

भारतीय टीम के मुख्य स्पिनर हरभजन सिंह को तो पाँच मैच में केवल तीन विकेट मिले हैं और उनका औसत 34.66 है। न्यूजीलैंड में ट्वेंटी-20 टीम के सदस्य रहे मुनाफ पटेल और प्रज्ञान ओझा ने हालाँकि अच्छा प्रदर्शन किया है। ये दोनों राष्ट्रीय टीम के नियमित सदस्य नहीं हैं और ऐसे में ये इंग्लैंड जाने वाली टीम में शामिल होंगे यह पक्का नहीं है।

आरपी सिंह और बालाजी पर भी यही बात लागू होती है जो आईपीएल टू में लगातार अच्छा प्रदर्शन करके सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज को मिलने वाली पर्पल कैप के हकदार बने हुए हैं।

अब उन खिलाड़ियों की चर्चा की जाए जो ट्वेंटी-20 टीम के सदस्य नहीं हैं लेकिन अन्य प्रारूप में भारतीय टीम का हिस्सा हैं। इनमें तेंडुलकर प्रमुख हैं जिन्होंने स्वयं ट्वेंटी-20 टीम में शामिल होने से इनकार कर दिया था। तेंडुलकर ने आईपीएल में अब तक पाँच मैच में 49.50 की औसत से 198 रन बनाए हैं।

भारतीय टेस्ट टीम के एक अन्य सदस्य द्रविड़ ने भी दूसरे बेटे के जन्म के लिए स्वदेश लौटने से पहले बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स की तरफ से चार मैच खेले उनमें 144 रन बनाए। अपनी टीम की तरफ से वे ही नियमित अच्छा प्रदर्शन कर पाए।

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