सेमीफाइनल में कोई प्रबल दावेदार नहीं-कुंबले

Webdunia
शुक्रवार, 22 मई 2009 (10:47 IST)
डेक्कन चार्जर्स को 12 रन से शिकस्त देने वाली बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स के कप्तान अनिल कुंबले ने इंडियन प्रीमियर लीग के सेमीफाइनल में पहुँचने पर खुशी जताई और उनका मानना है कि अब किसी भी दिन कोई भी टीम विरोधी को पछाड़ सकती है।

लीग मुकाबलों के बाद अंक तालिका में तीसरे स्थान पर रहने वाली बेंगलुरु की टीम को शनिवार को दूसरे सेमीफाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स से भिड़ना है।

डेक्कन की टीम हारने के बावजूद चौथे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई कर गई और शुक्रवार को उसका सामना दिल्ली डेयरडेविल्स की मजबूत टीम से होगा।

कुंबले ने मैच के बाद कहा कि पिछले साल जो हुआ उसे देखते हुए यह हमारे लिए काफी अच्छा रहा। इस साल हमने अच्छी शुरुआत की, लेकिन फिर लगातार चार मैच हार गए और इसके बाद वापसी की।

उन्होंने कहा कि मैं सेमीफाइनल में पहुँचकर खुश हूँ। अब किसी भी दिन कोई भी टीम जीत सकती है। पिछले चार मैचों में हम जिस तरह से खेले उससे हमारा दावा मजबूत है।

कुंबले ने युवा प्रतिभावान बल्लेबाज मनीष पांडे की जमकर तारीफ की, जिन्होंने 73 गेंद में नाबाद 114 रन की पारी खेली।

कुंबले ने जैक कैलिस की अनुपस्थिति में गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभालने के लिए बी. अखिल की भी तारीफ की। कैलिस एक ओवर फेंकने के बाद चोट लगने के कारण मैदान से बाहर चले गए और उनकी गैरमौजूदगी में अखिल ने कप्तान के भरोसे पर खरे उतरते हुए 18 रन देकर दो विकेट हासिल किए।

कुंबले ने कहा कि डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ अच्छे विकेट पर 170 रन के लक्ष्य का बचाव करना काफी अच्छा प्रयास है।

इस बीच डेक्कन के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने स्वीकार किया कि रायल चैलेंजर्स ने उन्हें पूरी तरह से पछाड़ दिया। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु ने हमें पछाड़ दिया। हम उतने तेज नहीं थे, जितने आमतौर पर होते हैं। सेमीफाइनल से पहले सकारात्मक नतीजा अच्छा रहता।

गिलक्रिस्ट ने भी पांडे की तारीफ करते हुए कहा कि इस 19 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के दम पर मैच डेक्कन की पहुँच से दूर कर दिया।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?