बुधवार की रात कत्लेआम की रात थी। सनथ जयसूर्या का बल्ला अपनी पूरी गति के साथ आग उगल रहा था। उनके बल्ले के निशाने पर थे चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाज। जयसूर्या ने आईपीएल ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट का दूसरा सबसे तेज शतक ठोंकते हुए मुम्बई इंडियन्स को नौ विकेट से एकतरफा जीत दिला दी।
PTI
जयसूर्या की कातिलाना बल्लेबाजी का आलम यह था कि चेन्नई टीम के गेंदबाज उनसे पनाह माँगते नजर आ रहे थे। ब्रेंडन मैकुलम के उद्घाटन मैच के तूफानी शतक के बाद टूर्नामेंट के 36वें मैच में जाकर वैसी तूफानी बल्लेबाजी देखने को मिली। श्रीलंका के जयसूर्या ने मात्र 48 गेंदों पर नौ चौके और 11 गगनचुम्बी छक्के उड़ाते हुए मुम्बई इंडियन्स को 13.5 ओवर में ही जीत दिला दी1
चेन्नई टीम ने सुब्रमण्यम बद्रीनाथ (53) और कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी (नाबाद 43) की शानदार बल्लेबाजी से छह विकेट पर 156 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया था, लेकिन 'मैन ऑफ द मैच' जयसूर्या की तूफानी पारी के आगे यह स्कोर बौना साबित हुआ और मुम्बई ने एक विकेट के नुकसान पर 158 रन बनाकर टूर्नामेंट में अपनी लगातार चौथी जीत हासिल कर ली।
जयसूर्या ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले कहा था कि उन्हें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के साथ ओपनिंग करने का इंतजार रहेगा1 सचिन मुम्बई टीम के पहले सात मैचों में चोट के कारण खेलने नहीं उतरे और इस दौरान जयसूर्या का बल्ला भी खामोश चलता रहा1
उनके बल्ले की खामोशी पर लगातार आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा था लेकिन सचिन जैसे ही अपनी ग्रोइन चोट से उबरकर मुम्बई के आठवें मैच में खेलने उतरे जयसूर्या के बल्ले में अचानक गति कौंध गई और उन्होंने एक ऐसी पारी खेली जिसे लम्बे समय तक याद रखा जाएगा।
उन्होंने चेन्नई के किसी भी गेंदबाज को नहीं बख्शा। मनप्रीत गोनी के एक ओवर में तीन छक्के, एल्बी मोर्कल के एक ओवर में दो छक्के और दो चौके, जोगिन्दर शर्मा के एक ओवर में एक छक्का और दो चौके तथा अपने हमवतन चामरा कापूगेदरा के एक ओवर में तीन छक्के तथा दो चौके मारकर उन्होंने चेन्नई के गेंदबाजों का हुलिया बिगाड़ दिया।
जयसूर्या ने कापूगेदरा के पहले ओवर की लगातार गेंदों पर दो छक्के मारकर 45 गेंदों में अपना पहला ट्वेंटी-20 शतक पूरा कर लिया। इसी ओवर में उन्होंने एक और छक्का तथा दो चौके मारकर मुम्बई टीम को जीत दिला दी। इससे पहले उन्होंने अपने 50 रन सिर्फ 25 गेंदों में तीन चौकों और छह छक्कों की मदद से पूरे किए थे1 अगले 50 रन के लिएउन्होंने सिर्फ 20 गेंदें खेलीं।
मुम्बई टीम के 50 रन 4.4 ओवर में, 100 रन 9.4 ओवर में और 150 रन 13.3 ओवर में पूरे हुए थे। जयसूर्या और सचिन ने पहले विकेट के लिये 7.2 ओवर में 82 रन की साझेदारी की। जयसूर्या जहाँ चौके और छक्के उड़ा रहे थे वहीं सचिन दूसरे छोर पर मूकदर्शक की तरह चेन्नई के गेंदबाज की पिटाई का तमाशा देख रहे थे। सचिन को जोगिंदर शर्मा ने एक अंदर आती गेंद से बोल्ड किया। मास्टर ब्लास्टर आईपीएल के अपने पहले मैच में 16 गेंदों पर 12 रन की अपनी पारी में एक चौका और एक छक्का लगा पाए।
सचिन के आउट होने के बाद रॉबिन उथप्पा ने जयसूर्या के साथ दूसरे विकेट के लिये 76 रन की अविजित साझेदारी की जिसमें उथप्पा का योगदान सिर्फ 16 रन का था।
मुम्बई ने इस तरह आठ मैचों में अपनी लगातार चौथी जीत हासिल कर ली और वह आठ अंकों के साथ अंक तालिका में पाँचवें स्थान पर पहुँच गया1 चेन्नई टीम की 10 मैचों में यह चौथी हार है और वह 12 अंकों के साथ तालिका में तीसरे स्थान पर बरकरार है।
इससे पहले चेन्नई टीम एक समय नौवे ओवर तक मात्र 46 रन पर चार विकेट गँवाकर लड़खड़ा रही थी लेकिन बद्री और धोनी ने इसके बाद पाँचवे विकेट के लिए 95 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की।
बद्री और धोनी ने आखिरी पाँच ओवरों में काफी धुआँधार अंदाज में बल्लेबाजी की जिसमें चेन्नई टीम ने 71 रन बटोरे। बद्री ने 33 गेंदों पर 53 रन की अपनी शानदार पारी में सात चौके और दो छक्के लगाए। यह उनका दूसरा ट्वेंटी-20 अर्धशतक था। धोनी ने 35 गेंदों पर अपने नाबाद 43 रन में छह चौके और एक छक्का लगाया।
टूर्नामेंट में पहली बार खेलने उतरे मुंबई इंडियन्स के कप्तान सचिन तेंडुलकर ने टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया चेन्नई टीम की शुरुआत खराब रही। एस. विद्युत 16 रन बनाकर शान पोलक का शिकार बन गए। विद्युत ने 11 गेदों की अपनी पारी में तीन चौके लगाए। सुरेश रैना एक रन बना सके थे कि ड्वेन ब्रावो की गेंद पर विकेटकीपर योगेश टकावले ने उन्हें लपक लिया।
मध्यम तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी ने पारी के नौंवे ओवर में चेन्नई को दो झटके दिए। कुलकर्णी ने पहले स्टीफन फ्लेमिंग (26) को बोल्ड किया और फिर चामरा कापूगेदेरा (0) को विकेट के पीछे लपकवा दिया। फ्लेमिंग ने 29 गेंदों की अपनी पारी में चार चौके लगाए।
चार विकेट सिर्फ 46 रन पर गिर जाने के बाद बद्रीनाथ और धोनी ने चेन्नई की पारी को संभाला। उन्होने कोई खतरा उठाए बिना पारी को आगे बढ़ाया। चेन्नई के 100 रन 16 ओवर में पूरे हुए।
इसके बाद दोनों बल्लेबाजों ने गजब की तेजी के साथ रन बटोरे। बद्रीनाथ ने ब्रावो की गेंद पर सीधे छक्का मारकर अपना अर्धशतक 32 गेंदों में सात चौकों और दो छक्कों की मदद से पूरा किया, लेकिन इसकी अगली गेंद पर वह ब्रावो को कैच थमा बैठे।
पहले तीन ओवर में सिर्फ 18 रन देने वाले कुलकर्णी ने पारी के आखिरी ओवर में 15 रन दिए और उन्होने आखिरी गेंद पर एल्बी मोर्कल का विकेट लिया। कुलकर्णी 33 रन पर तीन विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज रहे। ब्रावो ने 37 रन पर दो विकेट लिए। (वार्ता)