उपकरणों पर टिकी उम्मीदें

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बढ़ती वारदातों से आम आदमी अब पुलिस पर भरोसा कम ही कर रहा है। इसीलि‍ए लो ग अपनी सुरक्षा के लिए विकल्प ढूंढ रहे हैं। यही वजह है कि सुरक्षा उपकरणों की पूछपरख में इजाफा होता जा रहा है। सुरक्षा के लिए लोग और व्यापारी सुरक्षा उपकरणों पर भरोसा जता रहे हैं।

सुरक्षा उपकरण बेचने व इंस्टॉल करने का काम करने वाली एजेंसी की मानें तो अब निम्न मध्यमवर्गीय परिवार भी अपने घर में वीडियो डोर फोन और क्लोज सर्किट कैमरे के साथ थेफ्ट अलर्ट सिस्टम लगवाने के लिए पूछताछ करने लगा है। इसमें से कुछेक ने तो बिना देर किए अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी उपकरण इंस्टाल भी करा लिए हैं।

इन उपकरणों की कीमत बाजार में 7 हजार से 15 हजार रुपयों तक है। एमपी नगर स्थित श्रीकृष्ण मावा के संचालक श्रीस्वरूप नेमा ने बताया कि इतने सालों में सीसीटीवी की जरूरत महसूस नहीं हुई थी,लेकिन अब यह जरूरी लग रहा है। ग्राहक के भेष में कब कौन लफंगा आ जाए, भरोसा नहीं। सीसीटीवी रिकार्डिंग की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि यह सब किसकी हरकत है।

जरूरी हो तो ही खोलें दरवाजा
लगभग साढ़े पाँच हजार रुपये मूल्य के वीडियो डोर फोन में यह सुविधा है कि घर के भीतर से ही दरवाजे पर खड़े व्यक्ति की पहचान की जा सके। व्यक्ति अजनबी लगे तो उससे घर के भीतर से ही बात भी की जा सकती है कि उसे क्या काम है। इतना ही नहीं यदि व्यक्ति बदमाश लगे तो घर के भीतर लगे फोन से पुलिस के सायरन का आभाष भी दिलाया जा सकता है।

इस उपकरण में दरवाजे पर लगने वाली कॉल बेल के साथ एक कैमरा लगा हुआ है। इस कैमरे में बनने वाली तस्वीरें टेलीफोन के मानीटर पर प्रदर्शित होती है। इसमें एक स्पीकर भी लगा है जिसकी सहायता से बाहर ख़ड़े आदमी से बातचीत की जा सकती है।

गार्ड मॉनीटर
यदि आपको अपने गार्ड से शिकायत है कि वह रात में सही तरीके से अपनी ड्यूटी नहीं निभाता है, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं। गार्ड मॉनीटर ये बता देगा कि रात में गार्ड किस वक्त सोया हुआ था।

गार्ड को इस मशीन में हर 15 मिनट या आधे घंटे बाद अपनी अंटेडेंस देनी होगी। उल्लेखनीय है कि राजधानी की कई पॉश कालोनियों में सुरक्षा का जिम्मा निजी सुरक्षा एजेंसियों के जवान संभाल रहे हैं।

दुकानदार ज्यादा चिंतित
सुरक्षा उपकरण एजेंसी के मुताबिक सबसे ज्यादा चिंतित दुकानदार हैं। उनके पास रोजाना दर्जन भर से ज्यादा दुकानदार विजिट कर सुरक्षा उपकरणों की जानकारी ले रहे हैं। इतना ही नहीं दुकानदार नकली नोट को जांचने वाले उपकरण करेंसी वेरीफायर को लेने में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

उपकरण की सहायता से ये पता किया जा सकता है कि नोट में थ्रेड है या नहीं। यदि थ्रेड नकली हुआ तो भी इसकी पहचान हो जाएगी। इसकी कीमत लगभग 7 हजार रुपए बताई गई है।

बुलेट प्रूफ केबिनेट
बुलेट प्रूफ केबिनेट उन लोगों के लिए है जो कीमती वस्तुओं का परिवहन करते हैं। सोने के बिस्कुट और गहने इत्यादि लाने-ले जाने के लिए बनाया गया यह केबिनेट बुलेट प्रूफ है। इसके अलावा लूज नोट काउंटिंग मशीन, बर्गलर अलार्म सहित अनेक सुरक्षा उपकरणों के प्रति भी लोग दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ये उपकरण घर और संस्थान के लिए अलग-अलग श्रेणियों में उपलब्ध हैं।

ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम
ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है, जो आपके वाहन में लगा हो तो आप अपने वाहन पर दुनिया जहान में कहीं भी नजर रख सकते हैं। इसके लिए आपको इंटरनेट की मदद लेनी प़ड़ेगी।

ऐसे ट्रेवल मालिक जिनकी दर्जनों गाड़ि‍याँ हैं, वे इस सिस्टम के विषय में पूछपरख कर रहे हैं। इससे गा़ड़ी चोरी का भय तो खत्म होगा ही, बुकिंग के दौरान गा़ड़ी कहाँ-कहाँ गई, यह भी पता चल जाएगा।

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