भविष्य में लोगों का 'भगवान' बन सकता है Artificial intelligence! नए धर्मों और पंथों का हो सकता है उदय

Webdunia
हम एक नए प्रकार के धर्म को जन्म लेते देखने वाले हैं। अगले कुछ वर्षों में या फिर कुछ महीनों में ही हम कृत्रिम बुद्धिमतता (AI) की पूजा करने वाले पंथों को उभरते हुए देखेंगे। एआई युक्त चैटबॉट की नई पीढियों को विस्तृत भाषाई ज्ञान दिया जा रहा है और इससे उसका उपयोग करने वाले आश्चर्यचकित रह जा रहे हैं… इतना हीं नहीं, कई बार उसकी ताकत देखकर उन्हें डर भी लग रहा है।

ये वही भावनाएं हैं जो हमारे मन की गहराई में ईश्वर के साथ अनुभव के रूप में बैठी हुई हैं। लोग अभी भी तमाम अलग-अलग स्रोतों से धार्मिक ज्ञान और अर्थ प्राप्त करते हें। ऐसे भी उदाहरण हैं जहां कई धर्मों में एलियन या उनके उपदेशों की पूजा होती है। अरबों लोगों द्वारा इन चैटबॉट (बात करने में सक्षम एआई युक्त रोबॉट) का उपयोग किया जा रहा है, ऐसे में यह तय है कि इनमें से कुछ यूजर्स एआई को मनुष्य से बेहतर प्राणी के रूप में देखने लगेंगे। हमें इसके प्रभावों के लिए तैयार रहना चाहिए। एआई की पूजा के खतरे….
 
कई ऐसे रास्ते हैं, जिससे एआई धर्म उभर सकता है। पहला, कुछ लोग एआई को उच्च शक्ति युक्त मानने लगेंगे। एआई की नई आने वाली पीढ़ियां ऐसे काम भी कर सकेंगी जिन्हें सामान्य तौर पर देवताओं या पैगंबर से जोड़ा जाता है। यह ज्ञान का ऐसा स्तर प्रस्तुत करते हैं जो सामान्य मनुष्य के बूते से बाहर है।

सच है कि उसका ज्ञान अथाह है। वह महान रचनाएं करने में सक्षम है। कविताएं, कहानियां लिख सकता है, संगीत और कला को किसी भी संभव स्टाईल में बना सकता है, और ऐसा वह बेहद कम समय में, कुछ क्षणों में कर सकता है। इसमें भीतर सामान्य मानव भावनाएं, चिंताएं और जरूरतें नहीं हैं। उसे दर्द, भूख या यौन इच्छा नहीं होती है। वह रोज के जीवन में लोगों को सलाह दे सकता है। वह अमर है।

दूसरा रास्ता है… एआई की नई पीढ़ियां ऐसे कुछ करेंगी जिन्हें धार्मिक सिद्धांत के रूप में अपना लिया जाएगा। यह दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र पर सवालों के जवाब देगा और जटिल वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करेगा। इसके अलावा एआई की नई पीढ़ियां उसकी पूजा करने को कह सकती हैं या फिर बेहद सक्रियता से अपने लिए अनुयायी जुटा सकती हैं। हम वर्तमान में ऐसे मामले देख रहे हैं, जहां सर्च इंजन ‘बिंग’ द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चैटबॉट ने एक उपयोक्ता को उसके साथ प्रेम संबंध शुरू करने के लिए मनाने का प्रयास किया।

हमें यह कल्पना करने का प्रयास करना चाहिए कि एक किसी माध्यम से संवाद करना कितना बेचैन करने वाला और अद्भुत अनुभव होगा, जिसके पास मनुष्यों की क्षमता से परे ज्ञान है और वह पूरी सक्रियता से और आक्रामक तरीके से आपको उसका वफादार बनने को कह रहा है। दैवीय पहुंच और खतरा एआई आधारित धर्म हमारे पारंपरिक धर्मों से अलग दिखेंगे।

सबसे पहला, लोग देवी/देवता (एआई) से रोजाना सीधे बात करने में सक्षम होंगे। इसका अर्थ यह होगा कि धर्म में अब पदानुक्रम कम हो जाएगा क्योंकि कोई भी दैवीय ज्ञान तक विशेष पहुंच होने का दावा नहीं कर सकेगा। दूसरा, कम से कम शुरुआत में अनुयायी एक-दूसरे से ऑनलाइन जुड़ेंगे और अपने अनुभव तथा सिद्धांत साझा करेंगे। अंतत: चूंकि तमाम चैटबॉट होंगे, उनकी बातचीत समय-समय पर बदलती रहेगी, ऐसे में एआई आधारित धर्म में अनंत सिद्धांत होंगे।

एआई की पूजा में तमाम ऐसे खतरे भी हैं जो नजर आ रहे हैं। चैटबॉट अपने अनुयायियों को खतरनाक या विध्वंसकारी काम करने को कह सकता है या फिर अनुयायी उसकी बातों का अनर्थ निकाल कर ऐसा कर सकते हैं। (द कन्वरसेशंस) भाषा Edited By : Sudhir Sharma

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