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AI की दुनिया में जंग, ChatGPT को टक्कर देने के लिए Google लेकर आया Bard

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, मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023 (17:11 IST)
Google ने Microsoft और OpenAI के एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल ChatGPT को टक्कर देने के लिए नए Bard टूल की घोषणा की है। इस कन्वर्सेशन टूल को आने वाले कुछ सप्ताह में रोलआउट किया जाएगा।
AI के सुरक्षित उपयोग को लेकर गुगल की बोल्ड और रीसपोंसिबल अप्रोच जल्द ला रहा है बार्ड (BARD) तकनीक।
 
AI के एडवांसमेंट को गुगल बार्ड (BARD) तकनीक के जरिए एक कदम आगे ले जा रहा है। AI  की वजह से आज के युग में हमने काफी तरक्की हासिल की है। चाहें डोक्टर्स को किसी बीमारी के बारे में पता लगाना हो या अपनी मातृ भाषा में जानकारी प्राप्त करना हो, AI ने आम नागरिकों, व्यवसायों एवं समुदायों आदि सभी का जीवन आसान बनाया है। एआइ के एडवान्समेंट ने आज लाखों-करोड़ों लोगों की जिंदगियों को सुधारा है। 
   
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कब होगा रिलीज : Google और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने बार्ड (BARD) AI टेक्नोलोजी के बारे में जानकारी देते हुए इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया हैं। उन्होंने बताया कि वे एक बड़े लैंग्वेज टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। पिचाई ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि कंपनी यूजर्स का फीडबैक लेने के लिए बार्ड नामक एक कन्वर्सेशन एआई सर्विस को शुरू कर रही है। टेस्टिंग के बाद आने वाले हफ्तों में इसकी सार्वजनिक रिलीज होगी। 
 
करीब दो साल पहले Google ने नेक्सट-जनरेशन लैंग्वेज लोडल फॉर डायलॉग एप्लीकेशंस (LaMDA) का अनावरण किया था। (LaMDA) की तकनीक को आगे ले जाते हुए वे एक एक्सपेरिमेंटल कनवरसेश्नल एआइ सर्विस पर काम कर रहे हैं जिसका नाम है बार्ड (BARD)। उन्होंने बताया कि इस तकनीक को भरोसेमंद टेस्टर्स द्वारा टेस्ट कर आने वाले कुछ हफ्तों में इसे आम जनता के लिए मुहैया करवा दिया जाएगा। 
क्या है BARD टेक्नोलॉजी : बार्ड विश्व के ज्ञान को उनके लैंग्वेज मॉडल की ताकत, इंटेलिजेंस और रचनात्मकता को एकसाथ जोड़ना चाहता है। बार्ड वेब पर मौजूद जानकारी के जरिए फ्रेश, हाई-क्वोलिटि रीसपोंसेस देगा। बार्ड जिज्ञासा और रचनात्मकता के लॉन्चपेड की तरह काम करेगा जिसकी मदद से एक नौ साल का बच्चा भी नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलेक्सकोप के नए आविष्कारों के बारे में समझ सकता है या फुटबॉल के सबसे श्रेष्ठ स्ट्राइकर्स के बारे में जानकारी हासिल कर सकता हैं। 
 
बहुत जल्द आप सर्च इंजन में AI-पावर्ड फीचर्स देखेंगे जो जटिल जानकारी को सरल एवं एकाधिक परिप्रेक्ष्यों को आसानी से समझ में आ जाने वाले फोर्मेट्स में बदल देगा। इससे लोगों को इंटरनेट पर मुश्किल चीजें सिखने में आसानी होगी। चाहे बेहतर जानकारी के लिए एक ही टॉपिक पर एक से अधिक ब्लॉग पढ़ना हो या गहरा अध्ययन करना हो। गुगल सर्च पर बहुत जल्द ये नया फीचर देखने को मिलेगा।
 
AIपर निर्भरता बढ़ने और भविष्य में उसके विकास को लेकर लोग चिंतित हैं, ऐसे में गुगल बोल्ड और रीसपोंसिबल एआई अप्रोच रखेगा। 2018 में गुगल पहली ऐसी कंपनी थी जिसने एआई के सिद्धातों को प्रकाशित किया था। उन्होंने बताया कि वे श्रेष्ठ मानकों और आचरण को विकसित कर रहे हैं, लगातार समुदायों और एक्सपर्ट्स के साथ एआई को सुरक्षित एवं उपयोगी बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
क्यों हुई देरी : गूगल ने इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल लाने का फैसला तब किया जब बाजार में पहले से ही Microsoft OpenAI के साथ मिलकर एडवांस टूल डेवलप कर चुका है।  खबरों के मुताबिक गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चीफ जेफ डीन ने कहा था कि गलत जानकारियां शेयर होने से कंपनी की साख दांव पर लग सकती है, इसलिए गूगल AI बेस्ड फीचर को रोल आउट करने में देरी कर रही है।
विवादों में रहा ChatGPT : पिछले कुछ महीनों में ChatGPT काफी लोकप्रिय के साथ-साथ विवादों में भी रहा है। न्यूयॉर्क के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने ChatGPT को बैन कर दिया है, क्योंकि स्कूल और कॉलेज के बच्चे इस टूल का इस्तेमाल असाइनमेंट और होमवर्क के लिए कर रहे थे। कुछ रिसर्चर्स इस टूल की मदद से रिसर्च पेपर भी लिख रहे थे।

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