नई दिल्ली। भारत में एक ऐसे नए रैंसमवेयर का पता चला है जो उसके शिकार बने लोगों से गरीबों के लिए नए कपड़ों, बच्चों के लिए महंगे पिज्जा और अत्यंत आवश्यक चिकित्सा सुविधा की बाट जोह रहे लोगों को वित्तीय मदद के रूप में दान देने की गुजारिश करता है।
डिजिटल जोखिम को आंकने वाली कंपनी क्लाउडसेक ने बताया कि 'गुडविल रैंसमवेयर' की चपेट में आने के बाद कंपनी के डेटा को अस्थायी नुकसान के साथ स्थायी नुकसान भी हो सकता है और कंपनी के परिचालन पर भी इसका असर पड़ सकता है, परिचालन बंद होने से राजस्व घाटा भी उठाना पड़ सकता है।
क्लाउडसेक ने एक रिपोर्ट में कहा, 'गुडविल रैंसमवेयर की पहचान क्लाउडसेक के अनुसंधानकर्ताओं ने मार्च 2022 में की थी। खतरा पैदा करने वाले इस समूह के नाम से ही पता चलता है कि इसके संचालनकर्ता कथित तौर पर सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए इस रैंसमवेयर का इस्तेमाल करना चाहते हैं।'
रिपोर्ट के मुताबिक, गुडविल रैंसमवेयर दस्तावेज, फोटो, वीडियो, डेटाबेस और महत्वपूर्ण फाइलों तक पहुंच को रोक देता है। अपने डेटा को वापस पाने के लिए पीड़ित तीन सामाजिक गतिविधियां करते हैं जैसे कि बेघरों को नए कपड़े दिलवाना और इसे रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर डालना, वंचित वर्ग के पांच बच्चों को डॉमिनोज, पिज्जा हट या केएफसी ले जाना और इस गतिविधि की भी तस्वीर, वीडियो आदि सोशल मीडिया पर डालना और जरूरतमंदों को नजदीक के अस्पतालों में वित्तीय मदद देना और इनका ऑडियो रिकॉर्ड करना।'
इसमें बताया गया कि ये तीनों गतिविधियां पूरी होने के बाद पीड़ित शिकार से सोशल मीडिया पर यह लिखने को कहा जाता है कि गुडविल नाम के रैंसमवेयर का पीड़ित बनने के बाद वे किस तरह एक अच्छे इंसान बन गए।
रिपोर्ट के मुताबिक अनुसंधानकर्ताओं ने ई-मेल पते के जरिए पता लगाया कि ये भारत की एक आईटी सुरक्षा समाधान एवं सेवा कंपनी का काम है। (भाषा)