रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खान ने अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर कहा कि नाराज होने के लिए कोई आधार चाहिए, मुझे तो कोई वजह समझ नहीं आ रही है।
आजम ने रविवार को पार्टी विधानमंडल दल की लखनऊ में हुई बैठक में हिस्सा नहीं लिया। पार्टी के मुताबिक उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस बैठक में शिरकत नहीं की।
सपा से नाराजगी के सवाल पर आजम ने तंज भरी मुस्कान के साथ जवाब दिया, 'मैं किसी से नाराज नहीं हूं। मुझे तो नाराजगी की जानकारी आपसे (मीडिया) ही मिल रही है। मेरी किसी से नाराजगी की हैसियत नहीं है। नाराज होने के लिये कोई आधार चाहिये। मैं तो खुद ही निराधार हूं तो आधार कहां से आयेगा।'
उन्होंने कहा कि मैं एक गरीब आदमी हूं जो एक ऐसी तंग गली में रहता है, जहां एक भी चार पहिया गाड़ी दाखिल नहीं हो सकती। पूर्व कैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया कि उन्हें शिक्षा का आंदोलन शुरू करने की सजा दी गई है। उन्होंने कहा कि मुझे सजा दी गई क्योंकि मैंने बच्चों के हाथ में कलम देना चाहा था। तालीम का मिशन शुरू किया था और मैंने जो यूनिवर्सिटी (मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय) कायम की, अगर उसे ढहाया गया तो उसके खंडहर और मलबा मेरे मिशन का इतिहास बयान करेंगे।
इस सवाल पर कि क्या वह सोमवार को शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा लेंगे, खां ने कहा 'निश्चित रूप से मैं सत्र में हिस्सा लूंगा। मैं विधानसभा के लिए 11वीं बार चुना गया हूं।'
गौरतलब है कि आजम खां भ्रष्टाचार समेत अनेक अन्य आरोपों में दर्ज 89 मुकदमों में पिछले 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद थे। उच्चतम न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दिये जाने के बाद वह गत शुक्रवार को जेल से रिहा हुए थे।