‘गूगल डूडल’ के अंतर्गत गूगल अपने सर्च इंजन पेज पर विभिन्न क्षेत्रों में विख्यात हस्तियों के जन्मदिवस को मनाता है। इसका उद्देश्य इन महान हस्तियों के प्रति सम्मान प्रकट करने के साथ ही लोगों को इनके प्रति जागरुक करना होता है। गूगल के इसी अभियान के तहत अल्लाह रखा खां साहब का 95वा ं जन्मदिन मनाया जा रहा है।
29 अप्रैल, 1919 को जम्मू और कश्मीर के पाघवल में जन्मे अल्लाह रखा में केवल बारह वर्ष की उम्र में ही संगीत के प्रति लगन जाग गई थी। जल्द ही उन्होंने पंजाब घराने के तबला वादक मियां कादिर बख्श से तबला वादन सीखना शुरू कर दिया। इसी दौरान उन्हें गायकी सीखने का भी अवसर मिला।
अपनी मेहनत और लगन से अल्लाह रखा कुशल तबला वादक बन गए और शीघ्र ही उनका नाम भारत में लोकप्रिय हो गया। उन्होंने कई महफिलों में अपने मधुर तबला वादन से श्रोताओं का मन मोह लिया। सन 1945 से 1948 के बीच उन्होंने सिनेमा जगत में भी अपना योगदान दिया।
उन्होंने अनेक महान संगीत कलाकारों के साथ प्रस्तुतियां दीं, जिनमें बड़े ग़ुलाम अली खां, उस्ताद अलाउद्दीन खां, पंडित वसंत राय और पंडित रविशंकर के नाम विशेष रूप से शामिल हैं। अल्लाह रखा ने दो शादियां की थी। उनकी पहली बीवी से तीन बेटों में से एक उस्ताद जाकिर हुसैन आज बेहतरीन तबला वादक के रूप में जाने जाते हैं।
उस्ताद अल्लाह रखा खां साहब को 1977 में पद्मश्री और 1982 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों से नवाजा गया था। 3 फरवरी 2000 को मुंबई में उनका हृदयाघात से निधन हो गया था।