Jagannath Rath Yatra 2024 : जगन्नाथ रथ यात्रा पर जाने के लिए करें ये तैयारी

WD Feature Desk
शनिवार, 1 जून 2024 (12:18 IST)
Jagannath Rath Yatra 2024 : कहते हैं कि यहां पर भगवान कृष्ण साक्षात अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ विराजमान हैं। द्वापर में द्वारिका और कलयुग में यही उनका स्थान है। यहां पर भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होने के लिए देश विदेश से लाखों भक्त आते हैं। प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि में को यात्रा निकाली जाती है। इस बार 07 जुलाई 2024 रविवार को यह रथ यात्रा निकलेगी। अभी से ही इस यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई है और यदि आप भी शामिल होना चाहते हैं तो जानें कि कैसे करें प्लान।
ALSO READ: Jagannath rath yatra date 2024 : जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 की तारीख व मुहूर्त
कैसे हों रथ यात्रा में शामिल?
इसके लिए आपको कुछ भी नहीं करना पड़ता है। कोई भी व्यक्ति रथ यात्रा में शामिल हो सकता है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस शुभ रथयात्रा में सम्मिलित होते हैं उन्हें 100 यज्ञों के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
 
क्या है रथ खींचने के नियम?
रथ यात्रा में तीन रथ होती हैं। एक जगन्नाथजी का, दूसरा बलरामजी का और तीसरा सुभद्रा जी का। तीनों रथों को खींचकर 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है जहां भगवान 10 दिनों तक आराम करने के बाद 11वें दिन पुन: जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने को लेकर कोई भी नियम नहीं है। किसी भी धर्म, जाति, प्रांत या देश का व्यक्ति रख खींच सकता है। इसे कोई भी भक्त खींच सकता है। क्रम से सभी रथ की रस्सी को खींचते हैं। माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने वाला जीवन काल के चक्र से मुक्त हो जाता है।
कैसे करें जाने की तैयारी :
1. यदि आप उड़ीसा से बाहरर रहते हैं तो आपको अभी से वहां पर ठहरने का इंतजाम करना होगा। अन्यथा आप परेशान हो जाएंगे क्योंकि वहां पर रहने के सीमित साधन है।  
2. आपको पुरी के बाहर में कहीं ठहने का स्थान मिलता है तो उसे हायर कर सकते हैं।
3. जगन्नाथ पुरी में मंदिर के सामने ही समुद्र है इस संपूर्ण क्षेत्र में घुमने के लिए आपको कम से कम 3 दिन का प्लान करना चाहिए।
4. तीन दिन का खर्च कम से कम 4 से 5 हजार का आ सकता हैं।
5. जगन्नाथ मंदिर दर्शन, चिलका वन्यजीव अभयारण्य, अथरनाला ब्रिज, पुरी का गुंडिचा मंदिर और समुद्री तट पर आप जा सकते हैं। 
6. यदि आप पुरी से कुछ किलोमीटर दूर कोणार्क मंदिर को देखने का प्लान भी कर रहे हैं तो 1 दिन और आपको रुकना होगा।
7. रथ यात्रा के दौरान बहुत भीड़ होती है। ऐसे में आप यदि अपने परिवार के साथ जा रहे हैं तो सुरक्षा का भी ध्यान रखें।
8. बच्चों के साथ जा रहे हैं तो हमारी सलाह है कि आप यात्रा के दर्शन दूर से ही करें बाद में मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन करें।
9. पूरी में आप पहले दिन जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करें और रथयात्रा का आनंद लें। दूसरे दिन गुंडिचा मंदिर जा सकते हैं। तीसरे दिन समुद्र का आनंद ले सकते हैं।
 
जगन्नाथ पुरी का किराया कितना है? पुरी कैसे पहुंचें?
- पुरी पहुंचने के लिए सड़क, रेलवे और हवाई तीनों मार्ग उपलब्ध है।
- देश के हर बड़े शहरों से पुरी का रेलवे स्टेशन जुड़ा हुआ है। यहां पर आप सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं।
- आपके शहर से डायरेक्ट पुरी के लिए कोई ट्रेन उपलब्ध नहीं है तो आप भुवनेश्वर ट्रेन से पहुंचकर पुरी के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
- भुवनेश्वर से पुरी की दूरी मात्र 60 किलोमीटर और पूरी रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है।
- यदि आपका पुरी तक पहुंचने का माध्यम हवाई जहाज है तो इसका नजदीकी एयरपोर्ट भुवनेश्वर है।
- भुवनेश्वर और पुरी का रेलवे स्टेशन कई शहरों से जुड़ा है। दिल्ली, लखनऊ, इंदौर, बैंगलुरू, कलकत्ता, रायपुर, रांची, पटना, वाराणसी जैसे कई शहरों की डायरेक्ट ट्रेन सेवा पुरी और भुवनेश्वर तक के लिए मिल सकती है।
- कलकत्ता, रायपुर, पटना, रांची, भोपाल जैसे करीबी राज्यों की राजधानी से डायरेक्ट बस सेवा भुवनेश्वर और पुरी के लिए मिल सकती है।
 
पुरी में कहां पर ठहरें?
 
जगन्नाथ पुरी में कहां रुके?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इन 3 राशियों पर रहती है माता लक्ष्मी की अपार कृपा, धन की नहीं रहती है कमी

देवशयनी एकादशी, कौनसे मंत्र से सुलाते हैं श्रीहरि विष्णु जी को?

शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए? जानें महत्व और विधान

भगवान जगन्नाथ को पहले क्या कहते थे और किस आदिवासी जाति के वे देवता हैं?

जगन्नाथ रथ यात्रा देखने जा रहे हैं तो आस-पास इन जगहों पर भी जा सकते हैं घूमने

सभी देखें

धर्म संसार

05 जुलाई 2024 : आपका जन्मदिन

05 जुलाई 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

माता सीता ने 1 ही साड़ी को 14 साल तक पहना था, जानें इस दिव्य साड़ी का रहस्य

Halharini amavasya: हलहारिणी अमावस्या के 7 अचूक उपाय से होगा कालसर्प दोष दूर

Ashadha Gupt Navratri: गुप्त नवरात्रि की 9 नहीं 10 देवियां होती हैं, जानें सभी के नाम

अगला लेख
More