Jagannath rath yatra 2023 : जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद का क्या है रहस्य?

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आषाढ़ माह में भगवान रथ पर सवार होकर अपनी मौसी रानी गुंडिचा के घर जाते हैं। यह रथयात्रा 5 किलो‍मीटर में फैले पुरुषोत्तम क्षेत्र में ही होती है। आषाढ़ शुक्ल दशमी को वापसी की यात्रा होती है। इस बार यह यात्रा 20 जून 2023 को आयोजित होगी, जिसमें 25 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। कैसे बांटेंगे 25 लाख लोगों को प्रसाद और भोजन? जानिए रहस्य।
 
दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर :-
56 भोग का होता है प्रसाद :-
  1. भोग के लिए रोजाना 56 तरह के भोग तैयार किए जाते हैं। 
  2. ये सारे व्यंजन मिट्टी के बर्तनों में तैयार किए जाते हैं। 
 
अजीब तरीके से ही पकता है चावल:-
  1. रसोई में प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक-दूसरे पर रखे जाते हैं।
  2. सब कुछ लकड़ी पर ही पकाया जाता है। 
  3. इस प्रक्रिया में शीर्ष बर्तन में सामग्री पहले पकती है फिर क्रमश: नीचे की तरफ एक के बाद एक पकती जाती है। 
  4. अर्थात सबसे ऊपर रखे बर्तन का खाना पहले पक जाता है, यही यहां का चमत्कार है। 
 
सबसे पहले लगता माता पार्वती को भोग : यहां पर विमलादेवी नाम से माता पार्वती का एक मंदिर है। महाप्रसाद बनने के बाद सबसे पहले माता पार्वतीजी को भोग लगाया जाता है इसी के बाद भगवान जगन्नाथ को भोग चढ़ता है।

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