जैन तीर्थंकरों के प्रतीक

24 तीर्थंकरों का परिचय

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
NDND
जैन धर्म के चैबीस तीर्थंकरों की मूर्तियों पर पाए जाने वाले चिह्न, चैत्यवृक्ष, यक्ष और यक्षिणी की क्रमवार सूची।

(1) ऋषभना थ
चिह्न- बैल, चैत्यवृक्ष- न्यग्रोध, यक्ष- गोवदनल, यक्षिणी- चक्रेश्वरी।

(2) अजितना थ
चिह्न- गज, चैत्यवृक्ष- सप्तपर्ण, यक्ष- महायक्ष, यक्षिणी- रोहिणी।

(3) संभवना थ
चिह्न- अश्व, चैत्यवृक्ष- शाल, यक्ष- त्रिमुख, यक्षिणी- प्रज्ञप्ति।

(4) अभिनंदनना थ
चिह्न- बंदर, चैत्यवृक्ष- सरल, यक्ष- यक्षेश्वर, यक्षिणी- व्रजश्रृंखला।

(5) सुमतिना थ
चिह्न- चकवा, चैत्यवृक्ष- प्रियंगु, यक्ष- तुम्बुरव, यक्षिणी- वज्रांकुशा।

(6) पद्यप्रभ ु
चिह्न- कमल, चैत्यवृक्ष- प्रियंगु, यक्ष- मातंग, यक्षिणी- अप्रति चक्रेश्वरी।

(7) सुपार्श्वना थ
चिह्न- नंद्यावर्त, चैत्यवृक्ष- शिरीष, यक्ष- विजय, यक्षिणी- पुरुषदत्ता।

(8) चंद्रप्रभ ु
चिह्न- अर्द्धचंद्र, चैत्यवृक्ष- नागवृक्ष, यक्ष- अजित, यक्षिणी- मनोवेगा।

(9) पुष्पदं त
चिह्न- मकर, चैत्यवृक्ष- अक्ष (बहेड़ा), यक्ष- ब्रह्मा, यक्षिणी- काली।

(10) शीतलना थ
चिह्न- स्वस्तिक, चैत्यवृक्ष- धूलि (मालिवृक्ष), यक्ष- ब्रह्मेश्वर, यक्षिणी- ज्वालामालिनी।

(11) श्रेयांसना थ
चिह्न- गेंडा, चैत्यवृक्ष- पलाश, यक्ष- कुमार, यक्षिणी- महाकाली।

(12) वासुपूज् य
चिह्न- भैंसा, चैत्यवृक्ष- तेंदू, यक्ष- षणमुख, यक्षिणी- गौरी।

(13) विमलना थ
चिह्न- शूकर, चैत्यवृक्ष- पाटल, यक्ष- पाताल, यक्षिणी- गांधारी।

(14) अनंतना थ
चिह्न- सेही, चैत्यवृक्ष- पीपल, यक्ष- किन्नर, यक्षिणी- वैरोटी।

(15) धर्मना थ
चिह्न- वज्र, चैत्यवृक्ष- दधिपर्ण, यक्ष- किंपुरुष, यक्षिणी- सोलसा।

(16) शांतिना थ
चिह्न- हरिण, नंदी, यक्ष- गरुढ़, यक्षिणी- अनंतमती।

(17) कुंथुना थ
चिह्न- छाग, चैत्यवृक्ष- तिलक, यक्ष- गंधर्व, यक्षिणी- मानसी।

(18) अरहना थ
चिह्न- तगरकुसुम (मत्स्य), चैत्यवृक्ष- आम्र, यक्ष- कुबेर, यक्षिणी- महामानसी।

(19) मल्लिना थ
चिह्न- कलश, चैत्यवृक्ष- कंकेली (अशोक), यक्ष- वरुण, यक्षिणी- जया।

(20) मुनिंसुव्रतना थ
चिह्न- कूर्म, चैत्यवृक्ष- चंपक, यक्ष- भृकुटि, यक्षिणी- विजया।

(21) नमिना थ
चिह्न- उत्पल, चैत्यवृक्ष- बकुल, यक्ष- गोमेध, यक्षिणी- अपराजिता।

(22) नेमिना थ
चिह्न- शंख, चैत्यवृक्ष- मेषश्रृंग, यक्ष- पार्श्व, यक्षिणी- बहुरूपिणी।

(23) पार्श्वना थ
चिह्न- सर्प, चैत्यवृक्ष- धव, यक्ष- मातंग, यक्षिणी- कुष्माडी।

(24) महावी र
चिह्न- सिंह, चैत्यवृक्ष- शाल, यक्ष- गुह्मक, यक्षिणी- पद्मा सिद्धायिनी।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

4 भयंकर योग के चलते 5 राशियों को रहना होगा इस साल संभलकर

बढ़ता ही जा रहा है गर्मी का तांडव, क्या सच होने वाली है विष्णु पुराण की भविष्यवाणी

भविष्यवाणी: ईरान में होगा तख्तापलट, कट्टरपंथी खामेनेई की ताकत का होगा अंत!

ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा कहां से निकलकर कहां तक जाती है?

जब मेहर बाबा ने पहले ही दे दिया था विमान दुर्घटना का संकेत, जानिए क्या था वो चमत्कार?

सभी देखें

धर्म संसार

योगिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका महत्व?

Aaj Ka Rashifal: आज इन 3 राशियों को मिलेगा धन निवेश से लाभ, पढ़ें 17 जून का ताजा राशिफल

17 जून 2025 : आपका जन्मदिन

17 जून 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

पुरी में क्यों होती है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति की पूजा, जानिए ये गूढ़ रहस्य