प्रणांत कष्ट दूर करने हेतु

Webdunia
हेतु- प्रणांत कष्ट दूर हो जाते हैं... रक्षण मिलता है ।

तुभ्यं नमस्त्रिनभुवनार्तिहराय नाथ। तुभ्यं नम: क्षिति-तलामल भूषणाय।
तुभ्यं नमस्त्रिजगत: परमेश्वराय। तुभ्यंम नमो जिन ! भवोदधि- शोषणाय ।। (26)

तीन लोक के दुःख विदारक, तुम्हें नमन हो!
इस धरती के हे आभूषण, तुम्हें नमन हो!
तीन जगत के हे परमेश्वर, तुम्हें नमन हो!
भवसागर के शोषक जिनवर, तुम्हें नमन हो!

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो दित्ततवाणं ।

मंत्र- ॐ नमो भगवति ऊ ह्रीं श्रीं क्लीं ह्रूँ ह्रूँ परजनशांतिव्यवहारे जयं कुरु कुरु स्वाहा।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

महाशिवरात्रि विशेष : शिव पूजा विधि, जानें 16 चरणों में

महाकुम्भ में अघोरी बाबा को मिली रशियन, अनोखी प्रेम कहानी को देख क्या कह रहे हैं लोग

प्रयागराज कुंभ मेले में स्नान करने जा रहे हैं तो इन 5 जगहों के दर्शन अवश्य करें

Shukra Gochar 2025: शुक्र का मीन राशि में 123 दिन के लिए गोचर, जानिए 12 राशियों का राशिफल

Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

सभी देखें

धर्म संसार

Valentine Day Astrology: इस वेलेंटाइन डे पर पहनें राशिनुसार ये रंग, प्रेम जीवन में होगा चमत्कार

क्या है महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व, योग साधना के लिए क्यों मानी जाती है ये रात खास

महाकुंभ में क्या है भगवान् शंकर और माता पार्वती के विवाह से शाही बारात का संबंध, जानिए पौराणिक कहानी

Jaya Ekadashi 2025 : जया/ अजा एकादशी व्रत की पौराणिक कथा, यहां पढ़ें

संत भाकरे महाराज कौन थे, जानें उनके बारे में