प्रवास के दौरान आने वाले भय टालने

Webdunia
हेतु- प्रवास के दौरान आने वाले भय टल जाते हैं।

कुन्दावदात-चलचामर-चारुशोभं विभ्राजते तव वपुः कलधौतकान्तम्‌ ।
उद्यच्छशांक शुचिनिर्झर-वारिधार-मुच्चैस्तटं सुरगिरेरिव शातकौम्भम्‌ ॥ (30)

श्वेत-शुभ्र कुंद पुष्पों के लावण्य से युक्त ये दो चँवर जब आपके इर्द-गिर्द डुलते हैं, तो लगता है कांचनवर्णी शिखरवाले सुवर्णाचल के सीने पर से चाँदनी की गंगा जैसे झरने झर-झर बहे जा रहे हों!

ऋद्धि- ह्रीं अर्हं णमो घोरगुणाणं ।

मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं पार्श्वनाथाय ह्रीं धरणेन्द्र-पद्मावती सहिताय अट्टे मट्टे क्षुद्रविघट्टे क्षुद्रान्‌ स्तम्भय स्तम्भय रक्षां कुरु कुरु स्वाहा।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

महाकुंभ में अघोरियों का डेरा, जानिए इनकी 10 खास रोचक बातें

बुध का मकर राशि में गोचर, 3 राशियों की नौकरी पर होगा सकारात्मक असर

कुंभ मेला 2025: महाकुंभ और युद्ध का क्या है संबंध?

मंगल करेंगे मिथुन राशि में प्रवेश, 5 राशियों को मिलेगी खुशखबरी

रिश्ता तय होने, सगाई से लेकर विदाई और गृह प्रवेश सहित हिंदू विवाह की संपूर्ण रस्म

सभी देखें

धर्म संसार

शुक्र का अपनी उच्च राशि मीन में गोचर, 6 राशियों की चमकेगी किस्मत होगी समृद्धि में वृद्धि

26 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

26 जनवरी 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

बुध का मकर राशि में गोचर, 3 राशियों को नौकरी और व्यापार में आएगी परेशानी

मंगल का मिथुन राशि में गोचर, इन 4 राशि वालों की चमकेगी किस्मत