24 तीर्थंकरों का महामस्तकाभिषेक 22 को

विश्व का प्रथम नवग्रह जिनालय

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इंदौर के दिगंबर जैन नवग्रह जिनालय अतिशय क्षेत्र ग्रेटर बाबा परिसर एरोड्रम रोड के चतुर्थ वार्षिक समारोह के अवसर पर आचार्य दर्शनसागरजी महाराज के सान्निध्य में विश्व शांति एवं आतंकवाद की समाप्ति हेतु 22 फरवरी को सुबह 9 बजे से 1008 रत्न जड़ित स्वर्ण-रजत एवं ताम्र कलशों से 24 तीर्थंकरों के महामस्तकाभिषेक होंगे।

दिगंबर जैन समाज के विश्व के इस प्रथम नवग्रह जिनालय में नवग्रहों के अरिष्ट निवारण हेतु विशालकाय खड़गासन मनोज्ञ प्रतिमाएँ विराजित हैं। अल्प समय में ही यह जिनालय श्रद्घालुओं के आस्था का केन्द्र बन गया है। 22 फरवरी को होने वाले इस समारोह में विधानाचार्य पंडित नितिन झाँझरी सुबह 9 बजे शुद्घिकरण-सकलीकरण करेंगे व मंत्रोच्चार से प्रासुक जल को अभिमंत्रित करेंगे। इसके साथ ही चौबीसों तीर्थंकरों पर एक साथ 24 इन्द्रों द्वारा शांतिधारा की जाएगी।

दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष ने बताया कि ग्रह अरिष्ट निवारण हेतु सूर्य ग्रह में 1008 पदमप्रभु, चंद्र ग्रह में चंदा प्रभु, मंगल ग्रह में वासुपूज्य प्रभु, बुध ग्रह में विमलनाथजी, गुरु ग्रह में आदिनाथ प्रभु, शुक्र ग्रह में पुष्पदंत प्रभु, शनि ग्रह में मुनिसुव्रतनाथ प्रभु, राहु ग्रह में नेमिनाथ प्रभु, केतु ग्रह में पार्श्वनाथ भगवान एवं मल्लिनाथ भगवान के साथ ही अन्य तीर्थंकरों के 1008 कलशों से महामस्तकाभिषेक होंगे।

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