सुगंध दशमी पर कोरोना का साया, 28 अगस्त को सूने रहेंगे जैन मंदिर

राजश्री कासलीवाल
Sugandh Dashmi 2020
 
 
दिगंबर जैन समाज में पर्युषण पर्व के अंतर्गत आने वाली दशमी तिथि यानी 28 अगस्त, शुक्रवार को धूप/सुगंध दशमी पर्व मनाया जाएगा। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में उत्साह की कमी दिखाई दे रही है। इन दिनों कोरोना को ध्यान में रखते हुए सादगी से घर में रहकर ही यह पर्व मनाया जा रहा है। जहां मंदिरों में ज्यादा भीड़ नहीं दिखाई दे रही है, वही किसी भी तरह के धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्य भी संपन्न नहीं हो पा रहे हैं। इस बार सुगंध दशमी पर्व के दिन कोरोना के चलते अधिकतर जैन मंदिरों से तीर्थंकरों के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है। हर साल जैन समुदाय के लोग सुगंध दशमी पर मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं।
 
ज्ञात हो कि 23 अगस्त 2020 से महापर्व पर्युषण शुरू हो गए हैं और इस पर्व के अंतर्गत 28 अगस्त को सुगंध दशमी पर धूप खेवन का पर्व मनाया जाएगा, लेकिन इस बार यह संभव नहीं है। प्रतिवर्ष जैन धर्म में भाद्रपद शुक्‍ल दशमी को सुगंध दशमी का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान जैन मंदिरों में प्रवचन तथा सुगंध दशमी व्रत कथा पढ़ने का साथ-साथ सभी जैन जिनालयों में 24 तीर्थंकरों, पुराने शास्त्रों तथा जिनवाणी के सम्मुख चंदन की धूप अग्नि को अर्पित करके धूप खेवन पर्व मनाया जाता रहा है। 
 
इसे धूप दशमी, धूप खेवन पर्व भी कहा जाता है। यह व्रत पर्युषण पर्व के छठवें दिन दशमी को मनाया जाता है। इस पर्व के तहत जैन धर्मावलंबी सभी जैन मंदिरों में जाकर श्रीजी के चरणों में धूप अर्पित करते हैं। जिससे वायुमंडल सुगंधित व स्‍वच्‍छ हो जाता है। धूप की सुगंध से जिनालय महक उठते है। सुगंध दशमी व्रत का दिगंबर जैन धर्म में काफी महत्‍व है और महिलाएं हर वर्ष इस व्रत को करती हैं। धार्मिक व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सारे अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्‍य की प्राप्ति होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सांसारिक दृष्टि से उत्‍तम शरीर प्राप्‍त होना भी इस व्रत का फल बताया गया है। 
 
सुगंध दशमी के दिन हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह इन पांच पापों के त्‍याग रूप व्रत को धारण करते हुए चारों प्रकार के आहार का त्‍याग, मंदिर में जाकर भगवान की पूजा, स्‍वाध्‍याय, धर्मचिंतन-श्रवण, सामयिक आदि में अपना समय व्‍यतीत करने का महत्व है। इस दिन जैन धर्मावलंबी अपनी-अपनी श्रद्धानुसार कई मंदिरों में अपने शीश नवाकर सुंगध दशमी का पर्व बड़े ही उत्साह और उल्लासपूर्वक मनाते हैं। लेकिन इस बार मंदिरों में यह धूमधाम दिखाई नहीं देगी। 
 
सुगंध दशमी के दिन शहरों के समस्त जैन मंदिरों में जाकर 24 तीर्थंकरों को धूप अर्पित करते है, लेकिन इस बार धूप की कमी मंदिरों में खलेगी, इस दिन सभी जैन मंदिरों में विशेष तौर पर साज-सज्जा, आकर्षक मंडल विधान सजाने के साथ-साथ मनोहारी झांकियों का निर्माण होता था, जो इस बार नहीं दिखाई देगा। अत: इस दिन घर पर ही उत्तम तप धर्म की आराधना कर आत्म कल्याण की कामना की जाएगी। 
 
इस अर्घ्य से घर पर ही करें सुगंध दशमी का पूजन 
 
सुगंध दशमी का अर्घ्य
 
सुगंध दशमी को पर्व भादवा शुक्ल में,
सब इन्द्रादिक देव आय मधि लोक में;
जिन अकृत्रिम धाम धूप खेवै तहां,
हम भी पूजत आह्वान करिकै यहां।।
 
तत्पश्चात अनंत चतुर्दशी एवं अपनी परंपरागत तिथियों के अनुसार क्षमापर्व यानी क्षमावाणी पर्व/ पड़वा ढोक का पर्व भी कोरोना संक्रमण के कारण फीका रह जाएगा।

ALSO READ: पर्युषण 2020 : दशलक्षण महापर्व का महत्व जानिए

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

shradh paksh 2025: गयाजी के आलावा इन जगहों पर भी होता है पिंडदान, जानिए कौन से हैं ये स्थान जहां होता है तर्पण

पूर्वजों को श्रद्धा सुमन अर्पण का महापर्व श्राद्ध पक्ष

September 2025 Weekly Horoscope: इस हफ्ते आपके सितारे क्या कहते हैं?

Chandra Grahan 2025: पितृपक्ष में पूर्णिमा के श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण का साया, श्राद्ध कर्म करें या नहीं, करें तो कब करें?

Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

सभी देखें

धर्म संसार

11 September Birthday: आपको 11 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 11 सितंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Shradh Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में पंचमी तिथि का श्राद्ध कैसे करें, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां

shradh paksh 2025: आर्थिक संकट में इस विधि से करें 'श्राद्ध', पितृ होंगे तृप्त

Sarvapitri amavasya 2025: वर्ष 2025 में श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या कब है?

अगला लेख