आकर्षक झाँकियों से सजे जिनालय

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दिगम्बर जैन धर्मावलम्बियों ने दसलक्षण पर्व के तहत बुधवार को सुगंध दशमी मनाई। समाजजन दोपहर से ही जिनालयों में दर्शन करने और धूप खेने के लिए निकल पड़े थे। इस अवसर पर स्वर्ण व रजत उपकरणों से जिनालयों व प्रतिमाओं की आकर्षक सजावट भी की गई।

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इसके अलावा चावल की रंगीन चूरी से विभिन्न विषयों पर मंडल विधान की मनोहारी रचना व चित्ताकर्षक झाँकियों का निर्माण भी किया गया था। काँच मंदिर में प्रयत्न ग्रुप द्वारा मंडलजी की मनोहारी रचना में दिगम्बरत्व के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती, को दर्शाया गया था।

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उधर शकर बाजार स्थित मारवाडी मंदिर में हस्तिनापुर के लोटस टेम्पल की प्रतिकृति को निहारने बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन जुटे। समीप ही स्थित पार्श्वनाथ मंदिर में पद्मपुरा की प्रतिकृति तथा तेरापंथी मंदिर, शकर बाजार में 'चलें गाँव की ओर' की तर्ज पर आकर्षक मंडल विधान की रचना को सबने सराहा।

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लश्करी मंदिर, गोराकुंड पर मंदिर के नवनिर्माण की प्रतिकृति को उकेरा गया था। शांतिनाथ दिगम्बर जैन बीसपंथी मंदिर, मल्हारगंज में माता पद्मावती का आकर्षक श्रृंगार किया गया। नेमीनगर जैन कॉलोनी में सम्मेदशिखर की रचना की गई। इसी तरह परदेशीपुरा जैन मंदिर में आकर्षक झाँकी को सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अपलक निहारा।

महावीर दिगंबर जैन मंदिर, वैशालीनगर-बृजविहार में रत्नत्रय के तीन मंदिरों व पंचमेरू के प्रतीक पाँच मंदिरों के बीच ॐ की सुंदर रचना को सभी ने सराहा। उधर कंचनबाग मंदिर में रंगोली से मंडल विधान की रचना ने जैसे सम्मोहित कर दिया। दिगंबर जैन मंदिर, तिलकनगर में युवा संघ ने नवग्रहों व ब्रह्माण्ड पर आधारित दसलक्षण मंडल विधान की रचना की थी।
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