जैन ग्रंथ एवं साहित्य

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जैन धर्म ग्रंथ पर आधारित धर्म नहीं है। भगवान महावीर ने सिर्फ प्रवचन ही दिए। उन्होंने कोई ग्रंथ नहीं रचा, लेकिन बाद में उनके गणधरों ने, प्रमुख शिष्यों ने उनके अमृत वचन और प्रवचनों का संग्रह कर लिया।

यह संग्रह मूलत: प्राकृत भाषा में है, विशेष रूप से मागधी में। यहां प्रस्तुत हैं जैन धर्म ग्रंथों ( jain dharma granth) पर आधारित साहित्य और रचनाएं।

आ. कुन्द कुन्दः- समयसार, प्रवचनसार, नियमसार, पंचास्तिकाय, रयणसार, मूलाचार, अष्ट पाहुड।
आ. पुष्पदंत एवं आ.भूतबलीः- षट्खंडागम, कषायपाहुड।
आ. अमृतचन्दः- पुरुषार्थ सिद्धि उपाय,समयासार कलश समयासार की टीका 'आत्म ख्याति'।
आ. अकलंक देवः- तत्त्वार्थ राजवार्त्तिक, अष्टशती, न्याय विनिश्चय, सिद्धि विनिश्चय।
आ. मानत्तुंगः- भक्तामर स्तोत्र।
आ. उमास्वामीः- तत्वार्थ सूत्र।
आ. नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवतीः- लब्धिसार, क्षपणसार, द्रव्य संग्रह, त्रिलोक, गोमट्टसार (जीवकाण्ड, कर्मकाण्ड)।
आ. समन्तभद्रः- रत्नकरण्ड श्रावकाचार, स्वयंभू स्तोत्र, आत्म-मीमांसा।
आ. विद्यानन्द स्वामीः- श्लोक वार्तिक, अष्ट सहस्त्री।
आ. धर्मभूषणः- न्याय दीपिका।
आ. पूज्यपादः- इष्टोपदेश, समाधि तंत्र, सर्वार्थ सिद्धि।
आ. शुभचन्द्रः- ज्ञानर्णव, श्रेणिक चरित्र।
आ. वीरसेन स्वामीः- धवला टीका।
आ. रविषेणः- पद्मपुराण (जैन रामायण)।
आ. गुणधरः- कषाय पाहुड।
आ. माणिक नंदीः- परीक्षामुख।
आ. वीरनन्दी स्वामीः- आचारसार।
आ. प्रभाचन्द्रः- प्रमेय कमल मार्त्तण्ड।
आ. जिनसेन-1:- हरिवंश पुराण 2:- आदिपुराण।
आ. देवसेनः- आलाप पद्धति, नय चक्र।
आ. जयसेनः- समयसार की टीका- 'तात्पर्यवृत्ति'।
आ. गुणभद्र-1:- आत्मानुशासन, उत्तर पुराण, 2:- धन्यकुमार चरित्र।
यतिव्रषभाचार्यः- तिलोय पण्णत्ति, चूर्णि सूत्र।
आ. वादिराजः- एकीभाव स्तोत्र।
आ. कुमुदचन्द्रः- कल्याण मंदिर स्तोत्र।
धनंजय कविः- विषाहार स्तोत्र।
आ. वसुनन्दिः- श्रावकाचार, प्रतिष्ठा सार संग्रह।
आ. सकलकीर्तिः- आदिपुराण, उत्तरपुराण जैन महाभारत,शान्तिनाथ-मल्लिनाथ चरित्र, पार्श्वपुराण, महावीर पुराण सार संग्रह, व्रत कथा कोष, मूलाचार प्रदीप
आ. सोमकीर्तिः- चारुदत्त चरित्र, यशोधर चरित्र, प्रद्दुम्न चरित्र।
आ. कुमार स्वामीः- कार्तिकेय अनुप्रेक्षा।
आ. भद्रबाहुः- भद्रबाहु संहिता।
आ. अमितगतिः- भावना द्वात्रिंशतिका।
आ. पध्मनंदिः- पंचविंशतिका।
आ. शिव कोटिः- भगवती आराधना।
आ. सूर्यसागरः- संयम प्रकाश (4 भाग)।
आ. देश भूषणः- जैन धर्म का एतिहास।
पं. राजमलः- लाठी संहिता, हनुमान-जम्बू स्वामी चरित्र, शान्तिनाथ पुराण।
पं. टोडरमल जीः- मोक्ष मार्ग प्रकाशक,सम्यग्ज्ञान चन्द्रिका,गोमट्टसार,लब्धिसार व क्षपणसार की टीकाएं।
पं. आशाधरः- सागार धर्मामृत, अनगार धर्मामृत, अमरकोष
टीका, प्रतिष्ठापाठ- भव्य कुमुद चन्द्रिका।
पं. बनारसीदासः- समयसार नाटक।
पं. दौलतरामः- छह ढाला।
पं. जुगल किशोरः- मेरी भावना।
आ. विद्यासागरः- मूक माटी, जैन गीता।
क्षु. जिनेन्द्र वर्णीः- जिनेन्द्र सिद्धान्त कोष, शान्ति पथ प्रदर्शन, नए दर्पण।
आ. ज्ञान सागर जी (ब्र.भूरामल जी):- जयोदय महाकाव्य।
धनंजय कविः- विषापहार स्तोत्र।
असंग कविः- शान्तिनाथ चरित्र,वर्धमान चरित्र।

- वेबदुनिया डेस्क

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