उमर अब्दुल्ला बडगाम से भी लड़ेंगे चुनाव, गंदरबल में किस बात का डर?

सुरेश एस डुग्गर
गुरुवार, 5 सितम्बर 2024 (11:37 IST)
Jammu Kashmir election : नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक बार फिर उस गंदरबल से किस्मत आजमाने जा रहे हैं जो उनके साथ एक बार गदर जरूर कर चुका है। हालांकि वर्ष 2002 के विधानसभा चुनावों में उमर अब्दुल्ला के साथ गदर करने वाले गंदरबल ने 2004 के लोकसभा चुनावों में उनमें विश्वास व्यक्त किया था। इसलिए वे इस बार गंदरबल के साथ ही बडगाम से भी चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं। ALSO READ: फारुक अब्दुल्ला बोले- कांग्रेस के साथ गठबंधन समय की मांग, राहुल देश के लिए बड़ी आवाज
 
अब एक बार फिर उमर अब्दुल्ला को उस गंदरबल विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कांफ्रेंस पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है जहां से तीन बार उनके अब्बाजान डॉ फारूक अब्दुल्ला और एक बार दादा स्व शेख मुहम्मद अब्दुल्ला चुनाव जीत चुके हैं। वे जिस गंदरबल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने जा रहे हैं वहां से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला तीन बार (वर्ष 1987, वर्ष 1983 तथा वर्ष 1996 में) चुनाव जीत चुके हैं तथा उनके दादा स्व शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ने भी वर्ष 1977 में इसी विधानसभा सीट से विजय पाई थी।
 
वर्ष 2002 के विधानसभा चुनावों में यहां उमर अब्दुल्ला को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उनकी हार के प्रति यह चौंकाने वाला तथ्य था कि वे उस गंदरबल सीट से चुनाव हारे थे जिसे नेशनल कांफ्रेंस और अब्दुल्ला परिवार का पारंपारिक विधानसभा क्षेत्र और गढ़ कहा जाता रहा था। तब उमर अब्दुल्ला को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के काजी मुहम्मद अफजल ने मात्र दो हजार वोटों के अंतर से हरा दिया था।
 
वर्ष 2004 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो परिदृश्य कुछ बदला हुआ था। श्रीनगर संसदीय क्षेत्र के 15 विधानसभा क्षेत्रों में से जिन 12 में उमर अब्दुल्ला ने बढ़त हासिल की थी उनमें गंदरबल भी था जहां से उमर अब्दुल्ला को 16414 वोट मिले थे वहीं पीडीपी उम्मीदवार 11513 वोट ही वटोर पाया था। ALSO READ: राम माधव का बड़ा बयान, NC और PDP का खुलकर प्रचार कर रहे हैं पूर्व आतंकवादी
 
एक बार फिर उमर अब्दुल्ला उस मिथ्य को बरकरार रखने की कोशिशों में जुट गए हैं जिसमें कहा जाता है कि गंदरबल उनकी खानदानी सीट है। वे चाहते हैं कि इस बार गंदरबल उनके साथ ‘गदर’ न करे। इसके लिए उन्होंने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से ही इंतजाम करने आरंभ किए थे। विकास कार्यों में गंदरबल को काफी अहमियत दी गई थी। अर्थात पिछले कई सालों की विकास की फसल को वे अब काटने की तैयारी में हैं। इतना जरूर था कि वे गंदरबल के वोटरों द्वारा गदी किए जाने के डर के चलते बडगाम से भी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।

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