NSG In Kashmir: जम्मू। कश्मीर में फैले आतंकवाद के 35 सालों में पहली बार एनएसजी कमांडो (NSG commandos) द्वारा श्रीनगर के लाल चौक (Lal Chowk) में तलाशी अभियान चलाने तथा डल झील में नौसेना के कमांडो मार्कोस (commandos MARCOS) द्वारा गश्त करने की घटनाओं ने यह दर्शाया है कि कश्मीर में जी-20 की बैठक को लेकर माहौल कितना दहशतजदा है।
कश्मीर रेंज के एडीजीपी विजय कुमार ने माना है कि त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने की खातिर श्रीनगर के लिए सेना, नेवी और एनएसजी की सहायता ली जा रही है। उनके बकौल, खतरा ड्रोन से भी है जिसके लिए एनएसजी और सेना ने अपने अपने एंटी ड्रोन सिस्टम भी स्थापित किए हैं।
इतना जरूर था कि 35 सालों के इतिहास में यह पहली बार था कि एनएसजी के कमांडो ने श्रीनगर के व्यस्ततम और विख्यात लाल चौक में तलाशी अभियान को अंजाम दिया था।
अपनी तरह के पहले तलाशी अभियान का परिणाम था कि इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी और लोग दहशतजदा हो गए थे। यही नहीं, पिछले 2 दिनों से डल झील के पानी पर स्पीड बोट्स से गश्त करते नेवी के मार्कोस कमांडो भी उन सभी को पहली बार चौंका जरूर रहे थे जिन्होंने उन्हें डल झील में पहली बार देखा था।
यह सच है कि आतंकवाद के शुरुआती दिनों से ही एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील वुल्लर में मार्कोस की तैनाती प्रशिक्षण के लिए की गई थी और उन्होंने इस अरसे में कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी हिस्सा लिया था।
लाल चौक स्थित एक दुकानदार मेहराज अहमद का कहना था कि उन्होंने भी पहली बार एनएसजी कमांडो का इस तरह का तलाशी अभियान देखा था। वे कहते थे कि वे भीतर से डर गए हैं, क्योंकि उन्हें भी अब लगने लगा है कि आने वाले दिन कश्मीरियों के लिए भारी साबित होने वाले हैं।
कुछ ऐसा ही अनुभव डल झील में शिकारे वालों का था। मार्कोस की गश्त से वे दहशतजदा हैं। हालांकि अभी तक कभी आतंकियों ने डल झील पर कोई हमला नहीं किया है लेकिन शिकारे वाले बशीर अहमद का कहना था कि उन्हें इस बार डल के पानी पर भी खतरा तैरता हुआ नजर आ रहा है।
3 दिन बाद आरंभ होने जा रही जी-20 की बैठक की सुरक्षा की खातिर प्रदेश में, खासकर श्रीनगर और गुलमर्ग में किए जाने वाले सुरक्षा प्रबंधों को कई बार जांचा जा रहा है ताकि कहीं कोई लूप होल विनाश का कारण न बन जाए। गृह मंत्रालय के कई अधिकारी भी श्रीनगर में डेरा जमाए बैठे हुए हैं ताकि वे सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता बनाने में आने वाली कठिनाइयों को दूर कर सकें।
इतना जरूर था कि अभी तक प्रशासन इसके प्रति खुद आश्वस्त नहीं था कि क्या श्रीनगर समेत उन इलाकों में 3 दिनों के लिए अघोषित कर्फ्यू लागू किया लाए या नहीं, जिन इलाकों में जी-20 की बैठक में शिरकत करने वालों को आना-जाना है? पर कश्मीरियों को इसके प्रति शंका पूरी है।
Edited by: Ravindra Gupta