जम्मू। यह पूरी तरह से सच है कि धरती का स्वर्ग कश्मीर अब फिल्मों की शूटिंग का स्वर्ग भी बनने लगा है। कश्मीर आतंकवाद की शुरूआत से पहले 1980 के दशक तक बॉलीवुड फिल्म उद्योग के लिए पसंदीदा स्थान हुआ करता था। अब 30 साल बाद भारतीय फिल्म उद्योग कश्मीर में वापस आ गया है।
नतीजतन जम्मू-कश्मीर सरकार को कश्मीर में शूटिंग की अनुमति देने के लिए देशभर के फिल्म निर्माताओं से 500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से 200 से अधिक अनुमतियां दी जा चुकी हैं तथा कई फिल्मों की शूटिंग धड़ल्ले से हो रही हैं।
पर्यटन सचिव सरमद हफीज के बकौल, देश में अतीत में ज्यादातर फिल्मों की शूटिंग जम्मू-कश्मीर में ही हुई थी। थोड़े समय के लिए ही लोग ऐसे स्थानों की तलाश में बाहर जाने लगे जो उतने सुंदर थे जो उन्हें देश में नहीं मिले तो उन्हें शूटिंग के लिए विदेश जाना पड़ा।
जम्मू और कश्मीर फिल्म शूटिंग के लिए बेहतरीन स्थान प्रदान करता है और हाल ही में एलजी प्रशासन ने एक पहल की और एक नई फिल्म नीति लेकर आया जहां कई प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं और सिंगल विंडो सिस्टम प्रदान किया जा रहा है।
हफीज आगे कहते हैं कि यहां कई फिल्मों की शूटिंग हो रही है, लगभग 150 फिल्म यूनिट और शूटिंग चल रही है। सिर्फ बॉलीवुड से ही नहीं बल्कि साउथ और दूसरे प्लेटफॉर्म्स से भी। इसमें जबरदस्त संभावनाएं हैं और इससे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को फायदा होने वाला है।
यह एक ऐसा ब्रांड है जो पूरी दुनिया में जाना जाता है। जब हमने 1960 की फिल्मों में इन स्थानों को देखा, तो मुझे लगता है कि आज यह और भी सुंदर है और हमारे पास कई अन्य स्थान भी हैं। हमने 75 अप्रयुक्त गंतव्यों को जोड़ा है जिनमें जबरदस्त सुंदरता है। मुझे यकीन है कि यहां शूटिंग करने वाले ये फिल्मी लोग नए रास्ते खोलेंगे और पर्यटन को बहुत फायदा पहुंचाएंगे।
यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि नई फिल्म नीति के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुमति प्रणाली को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत रखा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन को 30 दिनों के निर्धारित समय के भीतर फिल्म निर्माताओं को अनुमति देनी होती है। निर्माताओं के लिए इसे आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी लगाया गया है। फिल्म निर्माता अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
स्थानीय फिल्म निर्माता मुश्ताक अली का कहना है कि एक कश्मीरी फिल्म निर्माता होने के नाते, मैं यह जानकर बहुत उत्साहित हूं कि कश्मीर में 200 फिल्मों की शूटिंग के लिए मंजूरी दी गई है। शायद अलग-अलग जगहों जैसे गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग, श्रीनगर शहर और डल झील या कहीं और। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
मैं एलजी मनोज सिन्हा का बहुत आभारी हूं, जो एक नई फिल्म नीति बनाने और फिल्म निर्माताओं के लिए कुछ लाभ रखने में रुचि रखते थे ताकि अधिक से अधिक फिल्म निर्माता कश्मीर आ सकें। यह पर्यटन आदि जैसे कई तरीकों से मदद करेगा। मुझे दिलचस्पी होगी यदि ये दल इन परियोजनाओं के लिए स्थानीय लोगों को काम पर रखते हैं।
मैं इन फिल्म निर्माताओं से स्थानीय कलाकारों पर भी विचार करने की अपील करता हूं। कश्मीर बेजोड़ है। फिल्म निर्माताओं को स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन मिलता है। हम चाहते हैं कि कश्मीर आगे बढ़े। सरकार इन फिल्म निर्माताओं को कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर शूटिंग के लिए प्रोत्साहन भी प्रदान कर रही है। कश्मीर के स्थानीय फिल्म निर्माता खुश हैं कि कश्मीर प्रगति कर रहा है और स्थानीय कलाकारों को भी इन परियोजनाओं पर काम करने का मौका मिलेगा।