सुप्रीम कोर्ट का JK हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश, वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा शुरू करें

जम्मू की अदालत में 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई हो रही है जिसमें जेल में बंद जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और अन्य आरोपी हैं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 20 जनवरी 2025 (15:14 IST)
Yasin Malik case: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह जम्मू में एक विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस (video conference) की उचित सुविधा सुनिश्चित करें। जम्मू की इस अदालत में 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई हो रही है जिसमें जेल में बंद जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और अन्य आरोपी हैं।
 
तिहाड़ जेल में भी उचित वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा का निर्देश : शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को तिहाड़ जेल में भी उचित वीडियो कॉन्फ्रेंस सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां मलिक आतंकवाद वित्तपोषण के एक अन्य मामले में बंद है। पीठ ने दोनों उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रारों को 18 फरवरी को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई 21 फरवरी को करना तय किया है।
 
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें 1989 के रुबैया सईद अपहरण और 1990 के श्रीनगर गोलीबारी मामलों की सुनवाई जम्मू से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है ताकि मलिक को वहां की विशेष अदालत में ले जाने की जरूरत न पड़े।
 
शीर्ष अदालत ने पिछले वर्ष 18 दिसंबर को 6 आरोपियों को मामलों की सुनवाई स्थानांतरित करने संबंधी सीबीआई की याचिका पर जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया था। एक मामला 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में भारतीय वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या से जुड़ा है वहीं दूसरा मामला 8 दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण से संबंधित है। प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ का प्रमुख मलिक दोनों मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है।
 
शीर्ष अदालत जम्मू की एक निचली अदालत के 20 सितंबर 2022 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आदेश में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था।
 
सीबीआई ने कहा कि मलिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और उसे तिहाड़ जेल परिसर से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मई, 2023 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा आतंकवाद वित्त पोषण के एक मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से मलिक तिहाड़ जेल में बंद है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बिहार चुनाव से पहले SIR का क्यों है डर? जानिए चुनाव आयोग और विपक्ष का तर्क

Government Jobs : आने वाली है सरकारी नौकरियों की बाढ़, CAPF में 1.09 लाख पद खाली, 72,689 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: दैवीय हस्तक्षेप या राजनीतिक विवशता?

राहुल ने पीएम पद ठुकराया था, मनमोहन सिंह ने किया था ऑफर, सांसद पप्पू यादव का सनसनीखेज खुलासा

गोरखपुर के PAC ट्रेनिंग सेंटर में बवाल, सुविधाओं को लेकर महिला सिपाहियों का हंगामा

सभी देखें

नवीनतम

नितिन गडकरी को मिलेगा लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार, 2023 में PM मोदी को मिला था यह सम्‍मान

ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध के निर्माण से भारत और बांग्लादेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा : चीन

Jagdeep Dhankhar : इस्तीफे के बाद जगदीप धनखड़ ने सामान पैक करना शुरू किया, बोले- जल्द ही खाली करूंगा सरकारी आवास

UP : गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का STF ने किया भंडाफोड़, 4 देशों का राजनयिक बताता था ठग, नौकरी के झांसे के नाम पर लूट

Infosys ने कमाया 6921 करोड़ रुपए मुनाफा, जानिए जून तिमाही में कितनी फीसदी हुई बढ़ोतरी

अगला लेख