जम्मू में आतंकी हमले का खतरा, पहले चीन सीमा से हटाई सेना तैनात की और अब NSG

सुरेश एस डुग्गर
बुधवार, 27 नवंबर 2024 (15:40 IST)
Jammu News in hindi : जम्मू संभाग में आतंकी हमलों का खतरा लिहाल टला नहीं है। यही कारण है कि पिछले एक अरसे के दौरान ताबड़तोड़ आतंकी हमलों से निपटने के लिए जहां पहले चीन सीमा से हटाए गए सैनिकों को वापस बुला कर तैनात किया गया है वहीं अब पक्के तौर पर एनएसजी को भी जम्मू में तैनात करने की कवायद तेज हो गई है। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में वीडीजी सदस्यों के प्रशिक्षण को भी तेज किया गया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि बढ़ते हमलों के बीच जम्मू में आतंकवाद निरोधी बल एनएसजी तैनात किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में हुई वृद्धि के मद्देनजर देश की आतंकवाद निरोधी इकाई, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का एक विशेष कार्य बल जम्मू में तैनात किया जाएगा।
 
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर आतंकवाद निरोधी इकाई बल शहर में तैनात किया जाएगा। सूत्रों ने यह भी बताया कि एनएसजी का विशेष कार्य बल जम्मू शहर में स्थायी रूप से तैनात किया जाएगा ताकि वे किसी भी आपात स्थिति या आतंकवादी हमले की स्थिति में किसी भी स्थान पर पहुंच सकें।
 
जानकारी के लिए जम्मू क्षेत्र में जम्मू, डोडा, कठुआ, रामबन, रियासी, किश्तवाड़, पुंछ, राजौरी, उधमपुर और सांबा जिले शामिल हैं। इस साल, जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिसने 10 में से आठ जिलों को प्रभावित किया है, और ऐसी घटनाओं में 44 लोग मारे गए हैं, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी, 14 नागरिक और 13 आतंकवादी शामिल हैं।
 
इस बीच भारतीय सेना ने गांव रक्षा गार्ड को बुनियादी सुरक्षा तकनीकों और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों में प्रशिक्षण देकर ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस विशेष प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीणों को आत्मरक्षा के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना है।
 
सेना के इस प्रयास से न केवल गांवों की सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान करेगा। प्रशिक्षण सत्र के दौरान, सैनिकों ने गार्ड को व्यक्तिगत और सामूहिक सुरक्षा के तरीके, आपातकालीन परिस्थितियों में सही प्रतिक्रि या देने की रणनीतियां और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने की प्रक्रिया सिखाई जा रही है।

इसके अलावा उन्हें हथियारों की पहचान, प्राथमिक चिकित्सा सहायता, और संकट की घड़ी में प्रभावी संचार तकनीकों की जानकारी दी गई। सत्र में नकली हमले की परिस्थितियों का अभ्यास कराया गया ताकि गार्ड वास्तविक जीवन में सतर्क और सक्षम रह सकें।
 
जानकारी के लिए जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों में इस समय करीब 30,000 वीडीजी तैनात हैं, जो स्थानीय लोगों के सहयोग से अपने गांवों में सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। जो पहले विलेज डिफेंस कमेटी के रूप में जाना जाता था, इनका गठन 1990 के दशक में किया गया था। भारतीय सेना के इस प्रशिक्षण अभियान ने न केवल गांव रक्षा गार्ड के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को सुरक्षा के प्रति और अधिक जागरूक बनाया है।
edited by : Nrapendra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

OperationShield के तहत 6 राज्यों में हुई मॉक ड्रिल, पाकिस्‍तान में मची खलबली

सीएम योगी जी तो पॉवरफुल हैं ही, CJI बीआर गवई ने क्यों कही यह बात

Indus Water Treaty स्थगन पर पाकिस्तान की बिलबिलाहट, गिड़गिड़ा रहे शाहबाज को भारत ने दिखाया आईना

Operation Sindoor : क्या पाकिस्तान ने गिराए भारत के 6 फाइटर जेट, सवाल का CDS अनिल चौहान ने दिया जवाब

Covid-19 : देश में पिछले 24 घंटे में Corona Virus से 7 लोगों की मौत, मरीजों की संख्या 2700 के पार, 4 नए वैरिएंट मिले

सभी देखें

नवीनतम

तेज प्रताप ने लालू यादव को लेकर क्या कहा, किसे बताया जयचंद जैसा लालची?

LIVE: अमित शाह के बंगाल दौरे का दूसरा दिन, विवेकानंद की जन्मस्थली भी जाएंगे

देश में 9 दिन में बढ़े 3138 कोरोना मरीज, किस राज्य में कितने मरीज?

उत्तर सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन, 1500 पर्यटक फंसे

कर्नाटक में प्री मानसून बारिश ने तोड़ा 125 साल का रिकॉर्ड, 2 माह में गई 71 की जान

अगला लेख