आतंकी निशाने पर गुलाम नबी आजाद, TRF ने दी धमकी

सुरेश एस डुग्गर
गुरुवार, 15 सितम्बर 2022 (16:07 IST)
जम्मू। अब आतंकी गुटों के निशाने पर कांग्रेस से आजाद हुए गुलाम नबी आजाद भी आ गए हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद को आतंकी गुट टीआरएफ अर्थात द रेसिस्टेंस फ्रंट ने धमकी देते हुए आरोप लगाया है कि वे हिन्दुस्तानी एजेंट बन कर कश्मीर में लोगों को भारत के पक्ष में करने के लिए आए हैं। लश्करे तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने आजाद के लिए एक धमकी भरा पोस्टर इंटरनेट मीडिया पर जारी भी किया है।
 
आतंकी गुट ने इंटरनेट पर जारी एक पोस्टर गुलाम नबी आजाद को धमकी देते हुए लिखा है कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में उनकी एंट्री ऐसे ही नहीं हुई है। यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
 
आजाद ने पार्टी छोड़ने व जम्मू कश्मीर की राजनीति में शामिल होने का फैसला अपनी पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस में रहकर किया था। आतंकी गुट ने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ने से पहले आजाद ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बंद कमरे में बैठक भी की थी।
 
आतंकी गुट ने पोस्टर को कई स्थानों पर दीवारों पर भी लगाया है। इस पोस्टर में आतंकी गुट ने लिखा है कि गुलाम नबी आजाद ने दूसरे बंद कमरे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी बात करके इस तरह का प्लान बनाया था।
 
एनएसए अजित डोभाल और भाजपा ने अपने सियासी और संघी विचारधारा के फायदे के लिए पहले विस्थापित कश्मीरी पंडित कार्ड को खेला और गुलाम नबी आजाद का इस्तेमाल किया। यह काम अब भी जारी है।
 
टीआरएफ ने अपने धमकी भरे पोस्टर में यह भी तर्क भी दिया कि आजाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की। पोस्टर में यह भी कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी विस्थापित कश्मीरी पंडितों को अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल कर रही है।
 
आतंकी गुट ने कहा कि दिल्ली पर कुछ विदेशी संस्थाएं जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य दिखाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में यहां विधानसभा के चुनाव करवाना जम्मू कश्मीर में सब कुछ ठीक है, का बेहतर विकल्प है। इस पर अमलीजामा पहनाने के लिए ही गुलाम नबी आजाद को प्लान-बी के तहत यहां भेजा गया है।
 
टीआरएफ की इस धमकी के बाद गुलाम आजाद की सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है। जानकारी के लिए गुलाम नबी आजाद कश्मीर दौरे पर हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद नई पार्टी की घोषणा करने से पहले गुलाम नबी आजाद विभिन्न जिलों में जाकर वहां के प्रतिनिधिमंडलों से मिलकर उनसे जमीनी हकीकत को जानने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे पार्टी की घोषणा के साथ मुख्य मुद्दों को भी लोगों के समक्ष रख सकें।

क्यों आतंकी गुटों की आंख की किरकिरी बनने लगे हैं आजाद : कश्मीर से लगभग 300 प्रतिनिधिमंडल पिछले 3 दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद से मिल चुके हैं। उन्होंने आजाद को अपना पूरा समर्थन दिया है और उनके सामने आने वाली समस्याओं और मुद्दों से अवगत कराया। आजाद ने उनकी समस्याओं को सुनकर उनको सुलझाने का आश्वासन भी दिया।
 
दरअसल गुलाम नबी आजाद को जम्मू ही नहीं बल्कि कश्मीर की जनता भी अब अपना मसीहा मानने लगी है जिनके प्रति उन्हें आस है कि वे उन्हें अंधेरी सुरंग से निकाल कर उजियारे में ले जाएंगें। और यही प्यार, आश्वासन और चाहत आतंकी गुटों को अखरने लगी है जिस कारण अब गुलाम नबी आजाद आतंकी गुटों की आंख की किरकिरी बन गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख