श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत-पूजन कैसे करें, 10 जरूरी बातें

Webdunia
जब-जब भी असुरों के अत्याचार बढ़े हैं और धर्म का पतन हुआ है तब-तब भगवान ने पृथ्वी पर अवतार लेकर सत्य और धर्म की स्थापना की है। इसी कड़ी में भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में भगवान कृष्ण ने अवतार लिया।
चूंंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अतः इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी अथवा जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन स्त्री-पुरुष रात्रि बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांंकियांं सजाई जाती हैं और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है।

व्रत-पूजन कैसे करें
 
1. उपवास की पूर्व रात्रि को हल्का भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
 
2. उपवास के दिन प्रातःकाल स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएंं।
3. पश्चात सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिक्‌पति, भूमि, आकाश, खेचर, अमर और ब्रह्मादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर मुख बैठें।
 
4. इसके बाद जल, फल, कुश और गंध लेकर संकल्प करें-
 
ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥

5. अब मध्याह्न के समय काले तिलों के जल से स्नान कर देवकीजी के लिए 'सूतिकागृह' नियत करें।
 
6. तत्पश्चात भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
7. मूर्ति में बालक श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती हुई देवकी हों और लक्ष्मीजी उनके चरण स्पर्श किए हों अथवा ऐसे भाव हो।
 
8. इसके बाद विधि-विधान से पूजन करें।
 
पूजन में देवकी, वसुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी इन सबका नाम क्रमशः लेना चाहिए।

9. फिर निम्न मंत्र से पुष्पांजलि अर्पण करें-
 
'प्रणमे देव जननी त्वया जातस्तु वामनः।
वसुदेवात तथा कृष्णो नमस्तुभ्यं नमो नमः।
सुपुत्रार्घ्यं प्रदत्तं में गृहाणेमं नमोऽस्तुते।'
 
10. अंत में प्रसाद वितरण कर भजन-कीर्तन करते हुए रतजगा करें।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लेफ्ट या राइट, नंदी के किस कान में बोलने से पूरी होती है हमारी इच्छा?

मंगल के कन्या में गोचर से 4 राशियों को मिल सकता है अचानक से धन

मंगल का कन्या राशि में गोचर, शनि से होगी टक्कर, बचकर रहें ये 4 राशियां

12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे खास ज्योतिर्लिंग कौन-सा है?

हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा, पूजा का समय क्या है?

सभी देखें

धर्म संसार

श्रावण मास की हरियाली तीज और हरतालिका तीज में क्या अंतर है?

सिंधारा दूज करें ये 5 अचूक उपाय, तुरंत मिलेगी कर्ज से मुक्ति

नागपंचमी पर क्या सच में नागों को दूध पिलाने से मिलता है पुण्य?

हरियाली तीज के बाद इन 4 राशियों की किस्मत बदल जाएगी, लाल किताब के 4 उपाय तुरंत कर लें

हरियाली तीज की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और विधि

अगला लेख