विशेष है इस वर्ष की जन्माष्टमी, जानिए क्यों?

पं. सोमेश्वर जोशी
वर्ष, माह, पक्ष, तिथि और रात्रि का मध्यमान होता है भाद्र कृष्ण पक्ष। अष्टमी विशेष की महारात्रियां पूर्ण तिथियों में ही आती हैं। उपरोक्त समय के मध्यमान का महत्व बताने में और श्री कृष्ण का मूल महत्व बताने के लिए कृष्ण जन्म भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात्रि अभिजीत योग में हुआ।
जन्माष्टमी को तंत्र की 4 महारात्रियों में से 1 माना गया है। इन्हीं शुभ योगों में होने के कारण इस वर्ष की जन्माष्टमी भी अति शुभ एवं सिद्धिदायक होगी। यह ऐसे योग हैं जिसमें जन्म लेने के कारण श्रीकृष्ण ने सभी राक्षसों एवं कामदेव का रासलीला में अहंकार तोड़ा।

विशेष रूप से इस रात्रि को शनि, राहु, केतु, भूत, प्रेत, वशीकरण, सम्मोहन, भक्ति और प्रेम के प्रयोग एवं उपाय करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। मुहूर्त हेतु रात्रि अभिजीत मुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा। विशेष ज्योतिषीय जानकारी प्राप्त कर अनुष्ठान वैदिक विद्वान पंडित से करवाने चाहिए।


Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

अमरनाथ गुफा में कैसे बनकर निश्‍चित समय में गायब हो जाता है शिवलिंग

वरुथिनी एकादशी 2025: जानें इस व्रत की 10 महत्वपूर्ण बातें...

पूर्णिमा वाला वट सावित्री व्रत कब रखा जाएगा, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त

चार धाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में सबसे पहले कहां जाएं, जानिए यात्रा का रूट

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 पर जाने के लिए कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?

सभी देखें

धर्म संसार

क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने वाला है, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

अमावस्या वाला वट सावित्री व्रत कब रखा जाएगा, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त

साईं बाबा के पॉजिटिव संदेश : सत्य साईं बाबा के 15 अमूल्य कथन हिन्दी में

Aaj Ka Rashifal: राशिनुसार आज का भविष्यफल: जानिए 23 अप्रैल का दिन कैसा रहेगा

23 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख