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Janmashtami Aarti : जन्माष्टमी विशेष, भगवान श्री कृष्ण की आरती

हमें फॉलो करें Janmashtami Aarti : जन्माष्टमी विशेष, भगवान श्री कृष्ण की आरती

WD Feature Desk

, गुरुवार, 22 अगस्त 2024 (14:59 IST)
Krishna jee ki aarti : भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर पढ़ें उनकी प्रिय आरती- आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की। गले में बैजन्तीमाला बजावैं मुरलि मधुर बाला॥ श्रवण में कुंडल झलकाता नंद के आनंद नन्दलाला की
 
भगवान श्री कृष्ण की आरती : krishna jee ki aarti
 
आरती कुंजबिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
 
गले में बैजन्तीमाला बजावैं मुरलि मधुर बाला॥
 
श्रवण में कुंडल झलकाता नंद के आनंद नन्दलाला की। आरती...।
 
गगन सम अंगकान्ति काली राधिका चमक रही आली।
 
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर-सी अलक कस्तूरी तिलक।
 
चंद्र-सी झलक ललित छबि श्यामा प्यारी की। आरती...।
 
कनकमय मोर मुकुट बिलसैं देवता दरसन को तरसैं।
 
गगन से सुमन राशि बरसैं बजै मुरचंग मधुर मृदंग।
 
ग्वालिनी संग-अतुल रति गोपकुमारी की। आरती...।
 
जहां से प्रगट भई गंगा कलुष कलिहारिणी गंगा।
 
स्मरण से होत मोहभंगा बसी शिव शीश जटा के बीच।
 
हरै अघ-कीच चरण छवि श्री बनवारी की। आरती...।
 
चमकती उज्ज्वल तट रेनू बज रही बृंदावन बेनू।
 
चहुं दिशि गोपी ग्वालधेनु हंसत मृदुमन्द चांदनी चंद।
 
कटत भवफन्द टेर सुनु दीन भिखारी की। आरती...।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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