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कृष्ण के जीवन से सीखें ये 10 मैनेजमेंट मंत्र, ज़िन्दगी बनेगी आदर्श और आसान

ये हैं युवाओं के जीवन प्रबंधन के लिए ज़रूरी सर्वश्रेष्ठ सूत्र

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WD Feature Desk

, बुधवार, 21 अगस्त 2024 (17:50 IST)
Krishna Management Mantra: श्री कृष्ण का पूरा जीवन ही मनुष्य जाति के लिए एक आदर्श है। उनके बचपन से लेकर युवावस्था और बाद के उनके जीवन से युवा बहुत सी सीख ले सकते हैं।

बात हो नटखट बाल गोपाल की या बात हो राधा के प्रेम में डूबे बांसुरी बजाने वाले कन्हैया की या कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का महान उपदेश देकर संपूर्ण मानव जाति का मार्गदर्शन करने की या फिर द्वारकाधीश के रूप में  प्रजा पालक की भूमिका निभाने की, कृष्ण ने अपने पूरे जीवन में मित्र, भाई, प्रेमी, पति,  प्रजा पलक और गुरु के रूप में आदर्श प्रस्तुत किए हैं।

श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण की सिखाई गई बातें आज भी युवाओं के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी उस समय अर्जुन के लिए थीं। श्री कृष्ण की वो बातें आज के इस युग में किसी के लिये भी सक्सेस मंत्र से कम नही हैं। आज इस आलेख में हम आपको भगवान श्रीकृष्ण से सीखने वाली ये 10 सक्सेस टिप्स बता रहे हैं।ALSO READ: बेटे का नामकरण करिए श्री कृष्ण के इन सुन्दर नामों पर, निखर जाएगा लाड़ले का व्यक्तित्व

आइये जानते हैं क्या है श्री कृष्ण की ये सक्सेस टिप्स-

1. अपने कर्मों पर ध्यान केन्द्रित करें : भगवान श्री कृष्ण के अनुसार हमें अच्छे कर्म करते रहना चाहिये और व्यर्थ की बातों में अपना समय नष्टï नही करना चाहिये और न ही किसी से डरना चाहिये।

 
2.सच्चे और अच्छे मित्र बनें :  भगवान कृष्ण ने मुश्किल घड़ी में पांडवों का साथ देकर ये साबित कर दिया कि दोस्त वही अच्छे होते हैं जो कठिन से कठिन परिस्थिति में आपका साथ देते हैं। दोस्ती में शर्तों के लिए कोई जगह नहीं है, इसलिए आपको भी ऐसे ही दोस्त अपने आस-पास रखने चाहिए जो हर मुश्किल परिस्थिति में आपका संबल बनें।

3. गलतियों और असफलताओं से सीख लें : महान योद्धा अर्जुन ने न केवल अपने गुरु से सीख ली बल्कि श्री कृष्ण की प्रेरणा से उन्होंने अपने अनुभवों से भी सीख ली । इससे ये शिक्षा मिलती है कि हमें अपने शिक्षक के अलावा अपनी गलतियों और असफलताओं से भी सीखना चाहिये।

4. अपनी स्ट्रैटजी पर काम करें:  अगर पांडवों के पास भगवान श्री कृष्ण की स्ट्रैटजी न होती तो उनका युद्ध में जीतना असंभव था, इसलिये किसी भी प्रतियोगिता से पहले स्ट्रैटजी बनाना आवश्यक होता है।

5. अवसर और परिस्थिति के अनुरूप कार्य करें :  श्रीकृष्ण हर मोर्चे पर क्रांतिकारी विचारों के धनी रहे हैं। वे कभी किसी बंधी-बंधाई लीक पर नहीं चले, मौके के अुनसार उन्होंने अपनी भूमिका बदली और अर्जुन के सारथी बनने से भी परहेज नही किया।

6. दूरदर्शी बनें : इंसान को अपनी दूरदर्शिता से आने वाली हर परिस्थिति का आंकलन करना आना चाहिये। श्री श्रीकृष्ण के जीवन में ऐसे कई उदहारण देखने को मिलते हैं जब उन्होंने आने वाले समय का अनुमान लगाकर अपनी योजनाओं को निर्मित किया।  

7. अपनी असफलता का आकलन करें : . श्रीकृष्ण का कहना है कि हमें मुसीबत के समय या सफलता न मिलने पर हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। इसकी बजाय हार की वजहों को जानकर आगे बढऩा चाहिए। समस्याओं का सामना कर अगर डर को पार कर लिया जाये तो सफलता निश्चित है।

8. व्यर्थ चिंता करें : मैनेजमेंट के सबसे बड़े गुरु हैं भगवान कृष्ण. उन्होंने अनुशासन में जीने, व्यर्थ चिंता न करने और भविष्य की बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने का मंत्र दिया।

9. मित्रता कभी परिस्तिथि देख कर ना करें :  भगवान श्री कृष्ण ने जिस प्रकार अपने गरीब मित्र सुदामा की मदद कर उसकी झोपड़ी को महल बना दिया उसी प्रकार दोस्ती में कभी अमीरी गरीबी को नही देखना चाहिये। सच्चाई और ईमानदारी से दोस्ती निभानी चाहिये।

10. कूटनीति का इस्तेमाल करना सीखें :  श्री कृष्ण के अनुसार जब हमारे विरोधियों का पलड़ा भारी हो तो हमें कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिये क्योंकि तब सीधे रास्ते से विजय नही मिल सकती। इसलिये श्री कृष्ण को एक महान कूटनीतिज्ञ भी कहा जाता है।

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