कृष्णाटेरियन किसे कहते हैं और क्या है कृष्ण का प्रिय भोजन जानिए

अनिरुद्ध जोशी
बुधवार, 12 अगस्त 2020 (10:47 IST)
कहते हैं कि अष्टमी को जन्में भगवान श्रीकृष्ण की आठ पत्नियां थीं। वे आठ वक्त भोजन करते थे। भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव के आठवें पुत्र थे। इसी तरह कहते हैं कि उन्हें आठ प्रकार के भोजन भी प्रिय थे। आओ जानते हैं कि क्या है कृष्णाटेरियन और कृष्ण को प्रिय भोग।
 
'पत्रं, पुष्पं, फलं, तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मन:।'  
अर्थ : जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्ध बुद्धि निष्काम प्रेमी का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ वह पत्र-पुष्पादि मैं सगुण रूप में प्रकट होकर प्रीति सहित खाता हूं। -श्रीकृष्ण
 
1. कृष्णाटेरियन : इस्कॉन के लोगों ने अपने खुद का भोजन निर्मित किया है जिसे वे कृष्णाटेरियन कहते हैं। यह बहुत ही स्वादिष्ट होता है जो इस्कॉन मंदिरों में मामूली से शुल्क के साथ मिलता है। लेकिन इस पर आरोप लगने के कारण उन्होंने अब मंदिरों में भोजन प्रसादी की व्यवस्था बंद करने की घोषणा की है। यह बहुत हैरानी वाली बात है कि हिन्दू धर्म के प्रचारकों को हिन्दुओं से ही ज्यादा खतरा है।
 
2. श्रीकृष्ण भोग : भगवान श्रीकृष्ण को साग, कढ़ी और पूरी के अलावा प्रमुख रूप से आठ भोजन प्रिय है- 1.खीर, 2.सूजी का हलुआ या लड्डू, 3.सिवइयां, 4.पूरनपोळी, 5.मालपुआ 6.केसर भात, 7.केले सहित सभी मीठे फल और 8.कलाकंद
 
3. प्रसाद : श्रीकृष्ण के उपरोक्त भोग के अलावा उन्हें माखन-मिश्री, पंचामृत, नारियल, सुखे मेवे और धनिया पिंजरी का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

अगला लेख