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भारत के इन 5 मंदिरों में धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी, रौनक देख आप भी हो जाएंगे मंत्रमुग्ध

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WD Feature Desk

, सोमवार, 11 अगस्त 2025 (16:38 IST)
famous krishna temples in india: जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व, भारत के सबसे लोकप्रिय और भक्तिभाव से भरे त्योहारों में से एक है। हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है, और इस दिन पूरे देश में भक्ति, उल्लास और उत्सव का अनोखा संगम देखने को मिलता है। मंदिरों में घंटियों की मधुर ध्वनि, भजन-कीर्तन, और सजावट से सजे दरबार, इस पर्व को और भी भव्य बना देते हैं। जहां एक ओर घर-घर में झांकियां सजाई जाती हैं और नन्हे कान्हा को झूले में बैठाकर पूजा की जाती है, वहीं दूसरी ओर भारत के कई प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी का उत्सव इतनी भव्यता से मनाया जाता है कि श्रद्धालु दूर-दूर से सिर्फ इसे देखने के लिए आते हैं।
 
1. द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका (गुजरात) 
द्वारका, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की नगरी कहा जाता है, जन्माष्टमी के मौके पर भक्ति और उत्साह का केंद्र बन जाती है। द्वारकाधीश मंदिर में इस दिन विशेष श्रृंगार किया जाता है, जिसमें भगवान को कीमती रत्नों से सुसज्जित किया जाता है। मंदिर में दिनभर भजन-कीर्तन और शास्त्रीय संगीत का आयोजन होता है। रात 12 बजे, जब भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का समय आता है, तो पूरा मंदिर ‘जय कन्हैया लाल की’ के जयकारों से गूंज उठता है। यहां जन्माष्टमी देखने के लिए सिर्फ गुजरात ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं।
 
2. इस्कॉन मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
वृंदावन, श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की पावन भूमि, जन्माष्टमी के समय स्वर्ग जैसी सजावट से जगमगा उठती है। इस्कॉन मंदिर में भक्तगण पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के कार्यक्रमों का हिस्सा बनते हैं। मंदिर में फूलों और रोशनी से विशेष सजावट की जाती है। दिनभर हरिनाम संकीर्तन और भजन-कीर्तन की गूंज रहती है। आधी रात को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, और भक्तगण भगवान को झूले में बैठाकर पूजा करते हैं। यहां का माहौल इतना आध्यात्मिक होता है कि हर कोई भक्ति में डूब जाता है।
 
3. बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर की रौनक का कोई मुकाबला नहीं। यहां जन्माष्टमी के दिन भगवान का श्रृंगार विशेष तरीके से किया जाता है और दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लग जाती हैं। मंदिर में फूलों की वर्षा, माखन-मिश्री का प्रसाद और भक्ति गीतों की गूंज, माहौल को अद्भुत बना देती है। इस दिन मंदिर के पट देर रात तक खुले रहते हैं ताकि सभी भक्त जन्माष्टमी का आनंद ले सकें।
 
4. जगन्नाथ मंदिर, पुरी (ओडिशा)
पुरी का जगन्नाथ मंदिर वैसे तो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है, लेकिन जन्माष्टमी पर यहां भी खास आयोजन होते हैं। मंदिर में भगवान कृष्ण की लीलाओं का मंचन किया जाता है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां के उत्सव में पारंपरिक ओडिशी संगीत और नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। मध्यरात्रि में जन्माष्टमी की पूजा के बाद भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया जाता है।
 
5. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा (उत्तर प्रदेश)
मथुरा, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि, जन्माष्टमी के अवसर पर भक्ति का महासागर बन जाती है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में विशेष सुरक्षा और व्यवस्था के साथ भव्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यहां की सबसे खास बात यह है कि ठीक 12 बजे जन्म के क्षण को बेहद वास्तविक अंदाज में दर्शाया जाता है। मंदिर में भजन-कीर्तन, रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों की सजावट और झांकियां देखने वालों के मन को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। मथुरा में जन्माष्टमी मनाना, हर भक्त के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
 

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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