श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार कब मनाया जाएगा, क्योंकि कुछ लोग 29 और बहुत से लोग 30 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में व्रत का प्रारंभ और पारण क्या होगा? आओ जानते हैं कि सचाई क्या है।
कब मनाया जाएगा पर्व : भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 29 अगस्त 2021 रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट से हो रहा है। इस मान से कई लोग यह मान रहे हैं कि रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाए। परंतु ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यह उचित नहीं है। तिथि की शुरुआत भले ही 29 तारीख को हो रही है परंतु इस तिथि का समापन 30 अगस्त दिन सोमवार को देर रात 01 बजकर 59 मिनट पर होगा। मतलब यह कि 30 अगस्त को रात्रि में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
दरअसल, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के 7 मुहूर्त निकल गए और 8वां उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में उन्होंने जन्म लिया था। अत: 29 तारीख के प्रथम मुहूर्त में जन्मोत्सव नहीं मनाया जा सकता। जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में उनका जन्म हुआ था। ज्योतिषियों के अनुसार रात 12 बजे उस वक्त शून्य काल था।
पारण का समय : भगवान श्रीकृष्ण जन्म रात्रि में हुआ था और व्रत के लिए उदया तिथि मान्य है, ऐसे में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 30 अगस्त को रहेगा और दिनभर व्रत रख सकते हैं। इस स्थिति में आप 31 अगस्त को प्रात: 09 बजकर 44 मिनट के बाद पारण कर सकते हैं क्योंकि इस समय ही रोहिणी नक्षत्र का समापन होगा।