श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : मनोकामना पूर्ति के 8 विशेष उपाय

पं. उमेश दीक्षित
इस वर्ष गुरुवार, 25 अगस्त 2016 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। तंत्र की दृष्टि से यह तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा होली, दिवाली तथा शिवरात्रि के समान महत्वपूर्ण मानी गई है। मनोकामना पूर्ति के प्रयोग नीचे दिए जा रहे हैं- 
(1) जिन व्यक्तियों के जीवन में समस्याओं का अम्बार लगा हो तथा कोई रास्ता सूझता न हो, वे 'श्री कृष्ण: शरणं मम्' का जप करें तथा आर्त हृदय से भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना करें, अवश्य ही सुनवाई होगी।

(2) घर में तनाव, अशांति, स्वास्थ्य की समस्या हो तो 'क्लीं ऋषिकेशाय नम:' की 51 माला करें।
 
(3) आर्थिक समस्या आदि के लिए 'श्री गोपीजन वल्लभाय स्वाहा' जपें। 
(4) विवाह समस्या या गृहस्थी की समस्या हो तो 'ॐ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लभाय स्वाहा' जपें।
 
(5) ईष्ट सिद्धि के लिए 'श्रीकृष्णाय नम:' का जप करें।

(6) सौभाग्य वृद्धि, सुख-शांति तथा मोक्ष के लिए 'ॐ ऐं श्रीं क्लीं प्राणवल्लभाय सौ: सौभाग्यदाय श्रीकृष्णाय स्वाहा' का जप करें।
(7) संतान सुख प्राप्त करने हेतु निम्न मंत्र का जप तथा लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक करें। 
 
मंत्र-
 
'ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
दे‍हि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।' 
 
संतान प्राप्ति के लिए इससे अच्छा मंत्र नहीं है। 'तनयं' शब्द के उच्चारण में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

(8) धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष प्राप्ति के लिए 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का जप करें।

उपरोक्त मंत्र का मानसिक जप हमेशा तथा हर जगह किया जा सकता है। जप माला तुलसी की तथा आसन कुश का प्रयोग करें। चंदनादि प्रयोग करें। प्रसाद में पंचामृत में तुलसी-मिश्रित करें। स्वयं तुलसी की माला तथा श्वेत वस्त्र धारण करें। पीताम्बर भी चल सकता है। पंजीरी का प्रसाद वितरण करें। सात्विक भोजन करें, ब्राह्मण भोजन साधना के फल को द्विगुणित करता है। 
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