Hanuman chalisa: यदि इस तरह से पढ़ते हैं हनुमान चालीसा तो इसका नहीं मिलेगा लाभ

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 21 मई 2024 (11:20 IST)
Rules of reading hanuman chalisa: शास्त्रों अनुसार कलयुग में हनुमानजी की ही भक्ति को सबसे जरूरी, प्रथम और उत्तम बताया गया है लेकिन अधिकतर जनता भटकी हुई है। और देवता चित्त न धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई। इसलिए हनुमानजी की ही पूजा और भक्ति करें कहीं और मन को भटकाएं नहीं। यदि आप घर में प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो जानिए कि किस तरह पढ़ने से मिलेगा लाभ।
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हनुमानजी के कई रूप हैं। जैसे पंचमुखी हनुमान, एकादशी हनुमान, वीर हनुमान, भक्त हनुमान, दास हनुमान, सूर्यमुखी हनुमान, दक्षिणमुखी हनुमान, उत्तर मुखी हनुमान, उड़ते हुए हनुमान, पर्वत उठाए हनुमान, राम मिलन हनुमान, ध्यान करते हनुमान, संकटमोचन हनुमान आदि। इसमें से आपको पंचमुखी हनुमान, वीर हनुमान, भक्त हनुमानजी या संकटमोचन हनुमान की पूजा करना चाहिए और उन्हीं के समक्ष बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। यानी आपके घर में इन 4 में से कोई एक की मूर्ति या चित्र होना चाहिए।
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1. भक्त बनें : कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ तब करते हैं जबकि उनके उपर कोई संकट आता है। कहते हैं कि दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करें तो दु:ख काहे को होऊ। दूसरा यह कि हनुमानजी पर भरोसा रखना जरूरी है। और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई। कई लोग धैर्य नहीं रखते हैं और दूसरे देवता का पाठ करने लग जाते हैं। यदि इस तरह से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो नहीं मिलेगा उसका लाभ।
 
2. अन्य ओर ध्यान : कई लोगों जब हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तब उनका ध्यान इधर उधर होता है। यानी मन कहीं ओर है और पढ़ रहे हैं तो बस यंत्रवत। जैसे कि रोज का काम है किसी तरह निपटाना है। हनुमान चालीसा पढ़ते वक्त मन में हनुमानजी का ध्यान नहीं है तो फिर क्या लाभ मिलेगा?
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3. मध्यम स्वर : कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ ऊंचे स्वर में अशुद्ध उच्चारण के साथ करते हैं या एकदम नीचे स्वर में इसका पाठ करते हैं। यह गलती सभी करते हैं।
 
4. खुद के नाम का उच्चारण : यह भी मान्यता है कि जहां पर लिखा है कि 'तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।' यहां तुलसीदास की जगह आपको आपके नाम का उच्चारण करना चाहिए। कई लोग यह गलती करते हैं इसीलिए उन्हें लाभ प्राप्त नहीं होता है।
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5. चालीसा दिन तक पाठ : 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। सौ बार नहीं कर सको तो 11 बार करो। 11 बार न हो तो 9 बार करो। 9 बार नहीं कर सको तो 7 बार करो। 7 बार न कर सको तो 5 बार करो और 5 बार न कर सको तो 3 बार करो और 3 बार भी नहीं कर सकते हो तो 1 बार प्रतिदिन करो चालीसा का पाठ और कम से कम 40 दिन तक करने के बाद उन्हें लंगोट जरूर भेंट करें।
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6. आह्‍वान :  हनुमान चालीसा का पाठ करने के पहले कई लोग उनका और श्रीरामजी का आह्‍वान करके पाठ नहीं करते हैं। कई लोग पाठ तो करते हैं लेकिन उसके दोहे नहीं पढ़ते हैं जो हनुमान चालीसा का ही अंग है। हनुमान चालीसा का पाठ करने के पहले उनके चित्र या मूर्ति को पवित्र जल से पवित्र करके उन्हें तुलसी की माला या जनेऊ पहनाकर भक्ति भाव से उनकी पसंद का भोग अर्पण करके कई लोग हनुमान चालीसा नहीं पढ़ते हैं।  हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य, पवित्रता, शुद्धता, साफ सफाई का ध्यान कई लोग नहीं रखते हैं। महिलाएं यदि हनुमान चालीसा का पाठ कर रही हैं तो उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे उन्हें टच न करें। कई लोग यह गलती करते हैं।
 

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