2010 : ज्योतिष की नजर से

2010 : उथल-पुथल भरा रहेगा नया साल

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
WD
2010 माघ कृष्ण पक्ष1 (पड़वा) शुक्रवार से आरंभ हो रहा है। जनवरी मास प्रारंभ में धनु राशि सूर्य, शुक्र, बुध, राहु की युति है। नववर्ष में चतुग्रही योग बन रहे हैं, जो अच्छे नहीं है। उत्तर कश्मीर, पश्चिम गुजरात, महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राष्ट्र में पश्चिम भाग, पाक, नेपाल, अफगानिस्तान कई देशों में प्राकृतिक उत्पात, महँगाई, भ्रष्टाचार आतंकवाद की परेशानी रहेगी। राष्ट्रीय नेताओं के समक्ष सत्ता संकट कलाकारों के साथ परेशानी, जनवरी में सोना-चाँदी में घट-बढ़ होगी। इस तरह गोरोचन के भाव में पहले कमी व बाद में तेजी आएगी।

शासक एवं प्रजा के बीच मतभेद खुलकर सामने आएँगे। असम, पाक व बांग्लादेश से संबंधित विवादों का जन्म होगा। भारत की शक्ति मजबूत होगी। ब्रिटेन के शाही परिवार पर दृष्टि घुमाएँ तो मुसीबत का संकेत बनाता है। भारत के राष्ट्रपति के लिए 2010 कष्टमय स्थिति वाला रहेगा। कई मुद्‍दों पर कठिनाई के बावजूद अभूतपूर्व निर्णय लेने में सफलता मिलेगी।

हमारे देश में गणतंत्र दिवस का बड़ा महत्व है। इस बार 26 जनवरी के दिन रोहिणी नक्षत्र है, एवं तैतील करण है। 26 जनवरी 2010 प्रारंभ अर्थात सूर्योदय के समय कुंभ लगता है एवं चंद्र की युति है। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्र को कई प्रकार के लाभ मिलेंगे जो राष्ट्रहित में होंगे।

राष्ट्रपति के सम्मान में कार्य होंगे। भारत का यश विश्व में तेजी से फैलेगा। जर्मनी, मिस्र, एशिया, चीन, जापान तथा अमेरिका को भारत की सहयोग नीति में अधिक-से-अधिक लाभ मिलेगा। सभी देश भारत की नीति को समझकर सहयोग प्रदान करेंगे। असम, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सो में हिंसात्मक घटनाएँ होने की संभावना बनती है। हड़ताल, आंदोलन का भी दौर रहेगा।

ND
राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश में मई-जून में जल समस्या एवं विद्यतु समस्या उग्र रूप धारण करेगी। जनता में आक्रोश रहेगा जिसका समाधान करना शासक के लिए कठिन होगा। मार्च 2010 में कुंडली पर नजर डालें तो शनि से मंगल एकादश भारत में स्थित रहेगा जिसके परिणामस्वरूप विपक्ष शासक (सरकार) के लिए सिरदर्द बना रहेगा।

विशेषकर आरक्षण, अल्पसंख्यक उत्थान दरिद्र के लिए योजना सत्ता पक्ष के सामने समस्या पैदा कर देगी। इसी के साथ चोरी, अपहरण व सड़क दुर्घटनाएँ अधिक होंगी। छोटे दल राष्ट्रीय दलों के लिए सिरदर्द बने रहेंगे एवं पार्टियों में फेरबदल के कारण कई दलों में बिखराव होगा। इससे जनता को कष्ट उठाना पड़ेंगे। भारत की विदेशी संबंधों में व्यापारिक वृद्धि होगी। जर्मन, जापान, अमेरिका श्रीलंका में व्यापार की दृष्टि से भारत को लाभ मिलेगा।

भारत के उत्पाद विदेशों में पूँजी कमाएँगे। राजस्थान, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र में ग्रामीण रोजगार में वृद्धि होगी। इस शिक्षा के क्षेत्र में संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। अराजकता, हत्याकांड एवं प्राकृतिक प्रकोप से प्रजा को कष्ट होगा।

प्रत्येक वस्तु में महँगाई का सामना करना पड़ेगा। राजनैतिक दलों में अनावश्यक वाद-विवाद होंगे। पाकिस्तान एवं भारत के संबंधों को लेकर वाक युद्ध (राजनेताओं द्वारा) होगा। पाक की नीति का कथनी-करनी में अंतर जगजाहिर हो जाएगा।

इस वर्ष महाराष्ट्र, गुजरात तथा दिल्ली इत्या‍दि महानगरों में बम विस्फोट के योग बनते हैं। जिससे प्रजा को कष्ट होगा। इसी के साथ इन शहरों में हड़ताल से जन सामान्य परेशान होगा। चीन एवं पाक में भी बम विस्फोट से जन सामान्य को कष्ट होगा।

एक नजर : फसल व व्यापार पर

भारत में धान्य की पैदावार उत्तम होगी। भावों में गिरावट आएगी। सोना-पीतल के साथ पीली वस्तुओं में (विशेषकर धातु) में तेजी आएगी। सूर्यग्रहण से प्रजा में वृद्धि एवं व्यापार में झटका। प्राकृतिक प्रकोप से कष्ट रहेगा। फरवरी में खंड वृद्धि, भूकंप, हिमपात का सामना करना पड़ेगा।

महँगाई का प्रकोप रहेगा। पशुओं में रोग फैलेगा। पशुओं के भावों में तेजी आएगी। रस पदार्थ में तेजी रहेगी।

मार्च में किसी बड़े नेता पर मृत्यु तुल्य कष्ट या अवसान के योग बनते हैं। पश्चिम भारत में घी की तेजी होगी। सभी धान्यों में भाव की तेजी होगी। अप्रैल में भी तेजी रहेगी। पेय पदार्थ कोल्ड्रिंक्स एवं रस पदार्थ के तेज भाव रहेंगे। घी के भाव में तेजी रहेगी। मई में किसी बड़ी दुर्घटना के योग बनते हैं। जून में वाहन मालिक पर मुसीबत आएगी। डीजल के भाव में वृद्धि के योग। लालमिर्च, गेरू, कपूर, चंदन में भी वृद्धि का सामना करना पड़ेगा।

जुलाई माह थोड़ा ठीक रहेगा। प्रजा में सुख की वृद्धि होगी। अगस्त में धान्य के भाव कम होंगे। रस एवं घी तेज होगा। सितंबर मास में आर्थिक संकट बना रहेगा। वर्षा कहीं कम-कहीं ज्यादा होगी। अक्टूबर माह शासक व प्रजा के बीच मधुर संबंध बनेंगे। सद्‍भावना की वृद्धि होगी। ठंडक बढ़ेगी। सूर्य की तपन कम होगी।

नवंबर माह घास एवं फल-फूल के भावों में तेजी लाएगा। दिसंबर मास में शीत प्रकोप उपद्रव, बंद, हड़ताल से प्रजा को कष्ट रहेगा। कई प्रांतों में सरकार में फेरबदल होंगे।

Show comments

Angarak Yog: मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

नरेंद्र मोदी के सितारे 2028 तक बुलंद, भाजपा की सीटें हो सकती हैं 320 के पार

Parashurama jayanti 2024: भगवान परशुराम जयंती कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Shukra aditya yoga 2024: शुक्रादित्य राजयोग से 4 राशियों को होगा बेहद फायदा

गंगा सप्तमी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

Angarak Yog: मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

मई में कब रखा जाएगा पहला प्रदोष व्रत, जानिए पूजा के मुहूर्त और महत्व

Aaj Ka Rashifal: किसके लिए लाभदायी रहेगा 02 मई 2024 का दिन, पढ़ें 12 राशियां