जनवरी 2010 : ज्योतिष की नजर में

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
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जनवरी 2010 की कुंडली पर ज्योतिष नजर डालें तो माह के आरंभ में चत ुर्ग् रही योग बन रहे हैं। धनु राशि पर सूर्य, बुध, शुक्र एवं राहु की युति है। इसके फलस्वरूप विश्व में अशांति का वातावरण बनेगा तथा कहीं रक्तपात या जलप्लावन से जन-धन की हानि होगी। 13 जनवरी को शुक्र ग्रह मकर राशि में प्रवेश कर रहा है इसके प्रभाव से खेती का नाश तथा सभी धान्यों के भाव में तेजी होगी। 11 को बुध वक्री गति से धनु राशि में प्रवेश करेगा।

इसके प्रभाव से मृग एवं हाथियों का नाश होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी के साथ सरकार एवं प्रजा में विरोध ‍उत्पन्न होगा। गुरुवार 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। फलस्वरूप पूर्व एवं दक्षिण के देशों में पीड़ा पश्चिम के देशों में युद्ध भय और उत्तर के देशों में सुख शां‍ति का वातावरण बनेगा।

इस पक्ष अर्थात 15 जनवरी को सूर्य ग्रहण होने से कुप्रभाव होगा जिससे अशांति एवं कई प्रकार के उलटफेर, चोरी, रक्तपात आदि का भय बढ़ेगा।

जनवरी मध्य तक शीतलहर बढ़ेगी। 21 जनवरी को बुध नक्षत्र बदलकर पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके प्रभाव से रोगों की संख्‍या बढ़ेगी।

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रोग फैलने का भय रहेगा। इसी के परिणाम से ग्रीष्मकाल में वर्षा के योग बनेंगे। 21 जनवरी को ही गुरु शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेगा, इसके सुप्रभाव आएँगे। आरोग्य एवं प्रचुर मात्रा में धान्य उत्पन्न होगा। मंगल अपनी गति वक्री करते हुए 26 जनवरी को पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके परिणाम उलटे आएँगे। चोरों का भय होगा। अशुभ फल की अधिकता होगी जिससे सरकार कमजोर होती नजर आएगी।

जनवरी माह में पाँच शनिवार पड़ रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप भूकंप आदि प्राकृतिक प्रकोप से हानि, ईशान देश में भंग का भय एवं अन्न में तेजी आएगी। इसी के परिणामस्वरूप अग्निभय बना रहेगा।

सूर्य के साथ शुक्र बैठा है एवं इसके आगे गुरु तथा सूर्य के पीछे बुध राहु बैठे हैं। इसके परिणाम स्वरूप हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड इनके पर्वतीय क्षेत्रों में बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा एवं कहीं हिमताप व साधारण या हल्की वर्षा की संभावना है। दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश के मैदानी भागों में तेज शीतलहर का प्रभाव रहेगा। दक्षिण भारत में वायु के साथ तेज वर्षा की संभावना है। मास में रूई, सूत, सन, पटसन, पाट, शेयर्स, बारदाना के भाव में तेजी। सोना, चाँदी में तेज घटा-बढ़ी।

रस पदार्थ, लौंग इलायची, केशर कपूर गोरोचन के भावों में भी बन रही है।

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