परंपरा के साथ ग्लैमरस हुआ करवा चौथ का त्योहार

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करवा चौथ, फैशन और बाजार
 
- शैली माहेश्वरी
 

 
करवा चौथ यानी वो त्योहार जिसका हर सुहागन ब्रेसबी से इंतजार करती है। दिनभर अन्न-जल त्याग कर जब रात को पत्नियां सज-संवरकर, हाथों में पूजा की थाली लिए, थाली में करवा रख, छलनी से चांद को निहार कर अपने पति के हाथों से पानी पीती हैं तो न केवल पत्नियों को उनके व्रत का प्रतिसाद मिलता है वरन यह क्षण पति-पत्नी के अटूट प्यार, समर्पण और त्याग की भावना को भी जीवन की शांत बगिया में फिर से महका देता है। यह तो हुई करवा चौथ पर्व की बात...।
 
अब बात करते हैं उस साड़ी की जो पूजा के लिए पहनी जाती है, रत्न जड़ित आभूषणों की जिनसे स्त्रियां बनती-संवरती हैं, उन फेशियल, हेयर स्टाइल और बॉडी स्पा की जिनसे वे दमकती-महकती हैं। ...और सोने-चांदी-मोतियों से जड़ी पूजा की थाली, मेवे-मिष्ठान से सजी प्लेट और चांद को निहारने की डिजाइनर छलनियों को कैसे भूला जा सकता है। इन सभी चीजों की कीमत आंकी जाए तो यकीनन गिनती लाखों में ही आएगी।
 
आधुनिकता के इस दौर में करवा चौथ भी आधुनिक हो गई है। इस पर्व का भी पूरजोर बाजारीकरण हो चुका है। कपड़ों, जेवरों और पूजा के थालों से ही नहीं इसके लिए होने वाले गेट-टू-गेदर कार्यक्रमों और इसके आयोजन स्थलों से ही इस त्योहार के राजसी ठाठ-बाठ और कमर्शलाइजेशन (बाजारवाद) की झलक साफ दिखाई देती है।
 

स्टाइलिश छलनियों की मांग : 
 

 
कार्तिक इंस्टिट्यूट ऑफ फेंसी आर्ट्स की डायरेक्टर ज्योति मोहता बताती हैं कि सालों पहले सादी सिंपल छलनी में चांद को देख लिया जाता था। अब इन पर ऑइल पेंट होते हैं, मांडना बनता है। पिछले कुछ सालों से डिजाइनर छलनियों का ट्रेंड बहुत बढ़ा है। केवल संपन्न व धनाढ्य परिवार की महिलाएं ही नहीं बल्कि मध्यम वर्ग की महिलाएं भी मोती, कुंदन, टिशु आदि से आकर्षक रुप से सुसज्जित छलनियां बाजार से खरीदती हैं या खासतौर से ऑर्डर पर डिजाइन करवाती हैं। बड़े परिवारों में तो सोने-चांदी से बनी छलनियों का क्रेज है। सोने-चांदी को छोड़ें और सामान्य डिजाइनर छलनियों की बात करें तो इनकी कीमत ही हजारों रुपए तक होती है।
 
स्पेशल ‍दिन के लिए स्पेशल थीम : 
 
ज्योति बताती हैं कि पूजा की थाली, करवा, ड्रायफ्रूट अरेंजमेंट व इस दौरान लेन-देन के लिए इस्तेमाल लिफाफों में भी एक से बढ़कर एक डिजाइन होती हैं। इतना ही नहीं कई महिलाएं तो ये सारी चीजें थीम बेस्ड तैयार करवा रही हैं। पूजा की सारी सामग्री पर चांद, कलश, स्वास्तिक, ॐ जैसे पवित्र प्रतीकों को विभिन्न कलात्मक व आकर्षक तरीकों से उकेरा जा रहा है। ज्योति के अनुसार, मेरे पास ऐसी कई महिलाएं आती हैं जो 250 रु. से लेकर 2500 रु. तक की स्पेशल थालियां करवा चौथ के लिए ऑर्डर पर बनवाती हैं।
 
खूबसूरत पर्व पर चांद की तरह खिलेंगी पत्नियां
 
ब्यूटीशियन जगजीत सिंह कौर बताती हैं कि करवा चौथ अब महज एक त्योहार नहीं रहा बल्कि इस एकमात्र त्योहार ने अपना अकेला ही एक अनूठा बाजार विकसित कर लिया है। कुछ सालों पहले तक महिलाएं इतनी 'ब्यूटी कांशियस' नहीं थी। अब करवा चौथ के त्योहार के लिए ही सैलून से ऐसी थेरेपी ली जा रही है जो आमतौर पर शादियों के समय ली जाती हैं।
 
इस साल महिलाएं करवा चौथ के लिए न केवल हेयर कटिंग, वेक्सिंग, फेशियल के लिए आ रही हैं बल्कि हेयर स्पा, स्ट्रेटनिंग, स्मूथनिंग, कर्लिंग जैसे हेयर केयर ट्रीटमेंट और मेनीक्योर, पेडीक्योर जैसी सर्विस भी ले रही हैं। इतना ही नहीं, करवा चौथ पर दुल्हन या पार्टी लुक में तैयार होने के लिए भी हमारे पास ढेरों बुकिंग है। जगजीत की मानें तो प्री करवा चौथ और करवा चौथ पर सौलह श्रृंगार करने का महिलाओं का खर्च हजारों में होता है। आज की मॉर्डन और वर्किंग वुमन इसे खुशी-खुशी वहन भी कर रही है।
 
 

दमक उठे साड़ियां व लहंगे : 
 

 
इव्स इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिएशन की डायरेक्टर मधु सक्सेना बताती हैं कि आज के दौर में करवा चौथ एक बड़े फेस्टिवल के रुप में उभरकर सामने आया है। महिलाएं इस मौके पर न केवल शादी या अन्य मौकों पर बने हैवी लहंगे पहनती हैं बल्कि खास इस दिन के लिए लहँगे व साड़ियां भी डिजाइन करवा रही हैं। फैशन के लिहाज इस बार करवा चौथ पर नेट की हैवी साड़ियां काफी 'इन' है।
 
इन साड़ियों पर हैवी मोती, कुंदन, स्वरोस्की, क्रिस्टल से बड़ी ही नफासत से काम किया जाता है। इनमें भी चटख रंग व डिजाइनर साड़ियों का चलन सबसे ज्यादा है। वे बताती हैं कि कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो स्पेशली इस त्योहार के लिए क्रेप, टिशु, नेट के फेब्रिक पर हैवी लहंगे खरीद रही हैं या बनवा रही हैं। इनकी कीमत तीन हजार से शुरू होकर लाखों रुपए तक है।
 
करवा चौथ गेट-टू-गेदर : 
 
पंजाबी महिला विकास समिति की इंदु नागपाल कहती हैं कि मुझे लगता है मौजूदा दौर में करवा चौथ का त्योहार परंपरा के साथ ग्लैमर के रंग में भी रंग चुका है। हमारी समिति द्वारा करवा चौथ के एक दिन पहले श्रृंगार संध्या का कार्यक्रम आयोजित होता है जिसमें लगभग 200 महिलाएं एकसाथ शामिल होती हैं। कार्यक्रम भी किसी छोटी जगह न होकर शहर के किसी बड़े होटल में आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में करवा चौथ से संबंधित शॉपिंग होती हैं व मेहंदी लगाई जाती हैं।
 
करवा चौथ वाले दिन लगभग 500-600 महिलाएं एक जगह एकत्र होती हैं व पूजा के साथ कल्चरल कार्यक्रम व गेट-टू-गेदर भी होता है। इस दौरान महिलाएं पार्लर में जा-जाकर आकर्षक सज-धज के साथ आती हैं। इस कार्यक्रम में परिधानों और आभूषणों की इतनी वैरायटियां देखने को मिल सकती हैं जो किसी ज्वेलरी या साड़ी शो-रुम पर दिखती है। 
 
पूजा की थाली, करवा की डिजाइनें भी एक से बढ़कर एक होती हैं। इस को ध्यान में रखते हुए हम बेस्ट ड्रेस, बेस्ट पूजा की थाली, बेस्ट स्टाइल जैसी ढेरों कॉम्पीटिशन भी करवाते हैं। वे स्वयं मानती हैं कि परंपरा का यह पर्व अब दिखावा ज्यादा बन गया है। 
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