करवा चौथ व्रत रखने के खास 5 नियम जानना जरूरी

अनिरुद्ध जोशी
करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहिताएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही अच्छे वर की कामना से अविवाहिताएं भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। यह पर्व खासकर उत्तर भारत का पर्व है। आओ जानते हैं इस व्रत को रखने के 5 खास नियम।
 
 
1. चंद्रोदय तक रखें व्रत : यह व्रत सूर्योदय से पहले से प्रारंभ हो जाता है। उसके पूर्व कुछ भी खा-पी सकते हैं। उसके बाद जब तक रात्रि में चंद्रोदय नहीं हो जाता तब तक जल भी ग्रहण नहीं करते हैं। यदि कोई स्वास्थय समस्या है तो जल पी सकते हैं। चन्द्र दर्शन के पश्चात ही इस व्रत का विधि विधान से पारण करना चाहिए। शास्त्र अनुसार केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं। पत्नी के अस्वस्थ होने की स्थिति में पति ये व्रत रख सकते हैं।
 
2. शिव परिवार की पूजा : संध्या के समय चंद्रोदय से लगभग एक घंटा पूर्व शिव-परिवार (शिवजी, पार्वतीजी, गणेशजी और कार्तिकेयजी सहित नंदीजी) की पूजा की जाती है। इसके अवला चंद्रदेव की पूजा करना भी जरूरी है।
 
3. पूर्व मुखी होकर करें पूजन : पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की ओर होना चाहिए तथा महिला को पूर्व की ओर मुख करके बैठना चाहिए। इस व्रत के दौरान महिलाओं को लाल या पीले वस्त्र ही पहनना चाहिए। इस दिन पूर्ण श्रृंगार और अच्छा भोजन करना चाहिए।
 
4.कथा सुनना जरूरी : व्रत वाले दिन कथा सुनना बेहद जरूरी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि करवाचौथ की कथा सुनने से विवाहित महिलाओं का सुहाग बना रहता है, उनके घर में सुख, शान्ति,समृद्धि आती है और सन्तान सुख मिलता है। करवा चौथ व्रत की कथा सुनते समय साबूत अनाज और मीठा साथ में अवश्य रखें। इस दिन कहानी सुनने के बाद बहुओं को अपनी सास को बायना देना चाहिये।
 
5. छलनी में देखें चांद को : चंद्रमा का उदय होने के बाद सबसे पहले महिलाएं छलनी में से चंद्रमा को देखती हैं फिर अपने पति को, इसके बाद पति अपनी पत्नियों को लोटे में से जल पिलाकर उनका व्रत पूरा करवाते हैं। कुआंरी महिलाएं चंद्र की जगह तारों को देखती हैं। जब चंद्रदेव निकल आएं तो उन्हें देखने के बाद अर्घ्य दें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

किस पेड़ के नीचे से गुजरने के बाद कावड़िये नहीं चढ़ा सकते शिवलिंग पर जल, जानिए नियम

मंगल का कन्या राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल, किसके लिए शुभ और किसके लिए अशुभ

क्यों बजाते है शिवलिंग के सामने 3 बार ताली, जानिए हर ताली के पीछे का अर्थ

जीवन में ये घटनाएं देती हैं कालसर्प दोष के संकेत, जानिए कारण और अचूक उपाय

भगवान शिव के परिवार से हुई है सभी धर्मों की उत्पत्ति, कैसे जानिए

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 31 जुलाई का दैनिक राशिफल, जानें 12 राशियों के लिए महीने के अंतिम दिन का संदेश

31 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

31 जुलाई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

2025 में रक्षाबंधन पर नहीं होगा भद्रा का साया, पंचक भी नहीं बनेंगे बाधक, वर्षों बाद बना है ऐसा शुभ संयोग, जानिए राखी बांधने के श्रेष्ठ मुहूर्त

नरेंद्र मोदी के बाद इस व्यक्ति के प्रधानमंत्री बनने के चांस हैं 99 प्रतिशत

अगला लेख