भोपाल: विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज को उम्मीद है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स (केआईवाईजी) एथलेटिक्स में जमीनी स्तर की प्रतियोगिता और शीर्ष प्रतियोगिता के बीच की खाई को पाट देगी।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आगामी सत्र मध्य प्रदेश के आठ शहरों में आयोजित होगा। 30 जनवरी से शुरू होने वाले इस आयोजन में 27 खेलों को शामिल किया गया है।
केआईवाईजी 2022 में ट्रैक एंव फील्ड स्पर्धा तीन दिनों तक चलेगा। इसका आयोजन भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में तीन से पांच फरवरी तक होगा।भोपाल के अलावा इन खेलों का आयोजन इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, खरगोन (महेश्वर) और बालाघाट में होगा।
लंबी छलांग लगाने वाली पूर्व खिलाड़ी अंजू सरकार के मिशन ओलंपिक सेल की सदस्य हैं। वह टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के लिए एथलीटों का चयन करने के लिए जिम्मेदार है। उनका मानना है कि खेलो इंडिया योजना प्रतिभा को निखारने के मामले में नींव का काम करेगा।
अंजू ने केआईवाईजी मीडिया को एक कार्यक्रम के दौरान बताया, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्रालय के सही इरादे के साथ एक अनूठी परियोजना है। इसने पहले ही परिणाम देना शुरू कर दिया है। हालांकि यह एक सतत प्रक्रिया है और हमें इसे आगे बढ़ाना है।
उन्होंने कहा, इन खेलों में 18 साल तक के छोटे बच्चों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है । इस तरह का मौका पहले मौजूद नहीं था।उन्होंने कहा, इसमें जगह बनाने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए सरकार धन मुहैया कराती है। उन्हें जेब भत्ता भी मिलता है।(भाषा)