इन दिनों गणेशोत्सव का त्योहार चल रहा है तो आप लोग बहुत खुश होंगे। गणेशोत्सव के यह दस दिन बच्चों के लिए मौज-मस्ती और धमाल से भरे होते हैं। आप लोगों ने भी अपने घर और मोहल्लों में भगवान गणेश की स्थापना तो जरूर की होगी।
भगवान गणेश की ज्यादातर प्रतिमाएं प्लास्टर ऑफ पेरिस नाम के पदार्थ से बनी होती हैं। इन मूर्तियों को सुंदर और चमकदार बनाने के लिए ऑइल पेंट से रंगा-पोता जाता है। गणेशोत्सव के बाद हम लोग इन प्रतिमाओं को नदी, तालाब, कुएं या समुद्र में विसर्जित कर देते हैं।
क्या आप जानते हो, कि भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन करने के बाद कई महीनों तक इन प्रतिमाओं का विघटन नहीं होता है। इन पर पोते गए ऑइल पेंट में कई विषैले तत्व होते हैं। यह तत्व जब पानी में घुल जाते हैं, तो पानी में रहने वाली मछलियों और अन्य जीवों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। जिसकी वजह से कई जीवों की मृत्यु हो जाती हैं। साथ ही नदी, तालाब या समुद्र प्रदूषित हो जाते हैं।
आप सोच रहे होंगे कि मैं आप लोगों को ये बातें क्यों बता रही हूं? आप बच्चों को यह बातें बताने का कारण यह है कि आप चाहें तो इसे रोक सकते हैं।
आप अपने घर में स्थापित की गई गणेश प्रतिमा का विसर्जन किसी नदी या तालाब में करने के बजाए अपने घर पर ही किसी बाल्टी या अन्य किसी बड़े बर्तन में करें, जब प्रतिमा पूरी तरह से विघटित हो जाए तो आप मिट्टी समेत उस पानी को घर के या मोहल्ले के बगीचे में डाल दें।
आपकी इस छोटी-सी पहल से पानी में रहने वाले कई जीव-जंतुओं की जान बच जाएगी। तो इस गणेशोत्सव पर ध्यान रखेंगे ना आप मेरी बात।
आपकी दीदी मौली