पांच सितंबर को टीचर्स डे है। आप लोग भी इस दिन को मनाने की तैयारी कर रहे होंगे। हमारी पिंकी अपने टीचर्स के लिए अपने हाथों से कार्ड बना रही है। रोहन और उसके दोस्त मिलकर टीचर्स के लिए गिफ्ट खरीद रहे हैं।
जब मैं छोटी थी तो मैं भी ऐसे ही कार्ड बनाकर और गिफ्ट देकर अपनी टीचर को खुश करने की कोशिश करती थी।
एक बार मैंने मेरी टीचर से पूछा कि आपको कौन-सा गिफ्ट सबसे अच्छा लगता है? उन्होंने कहा कि मेरा पसंदीदा तोहफा तुम बच्चे बाजार से नहीं खरीद सकते हो और ना ही उसे घर में बना सकते हो। मैंने पूछा कि ऐसा कौन-सा तोहफा है, जो बाजार में नहीं मिलता और न ही घर में बनाया जा सकता है।
उन्होंने जवाब दिया कि ‘तुम मेरा कहना मानो’ यही मेरे लिए सबसे बड़ा तोहफा होगा। यह सिर्फ मेरी टीचर का ही पसंदीदा तोहफा नहीं है बल्कि दुनिया के सभी टीचर्स के लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं होता कि बच्चे उनका कहना मानें।
मैं जानती हूं कि अपनी टीचर को यह तोहफा देना आप लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल है। फिर भी आप लोग इस टीचर्स डे पर एक बार कोशिश जरूर करना।
आपकी दीदी मौली