फनी कविता : इमरती

Webdunia
- प्रस्तुति रुद्र श्रीवास्तव‌
FILE

ह‍ंसते हंसते आई इमरती।
दोनें में इठलाई इमरती।
लल्लू कल्लू मुन्नू छुन्नू,
सबने मिलकर खाई इमरती।

अम्मा बापू दीदी भैया,
इन सबको भी भाई इमरती।
सकुचाते सकुचाते दादा,
दादी ने भी खाई इमरती।

बड़े पुराने कहते अक्सर,
पेड़ा की भौजाई इमरती।
कभी कभी दादा कह देते,
लड्डू की है ताई इमरती।

जिस जिस के घर में पहुंची है,
ढेरों खुशियां लाई इमरती।
शुभ कारज में हंसते हंसते,
देखी दिखी बधाई इमरती।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वजन घटाने से लेकर दिमाग तेज करने तक, माचा टी है सबका हल

मधुमेह रोगियों को सावन व्रत में क्या खाना चाहिए, जानें डायबिटिक व्रत भोजन की सूची और 6 खास बातें

क्यों आते हैं Nightmares? बुरे सपने आने से कैसे खराब होती है आपकी हेल्थ? जानिए वजह

बारिश के मौसम में बैंगन खाने से क्या होता है?

सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति

सभी देखें

नवीनतम

कौन हैं ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया जिन्होंने रुकवाई नर्स निमिषा प्रिया की फांसी? पहले भी रह चुके हैं चर्चा में

गुरु हर किशन जयंती, जानें इस महान सिख धर्मगुरु के बारे में 6 अनसुनी बातें

‘इंतज़ार में आ की मात्रा’ पढ़ने के बाद हम वैसे नहीं रहते जैसे पहले थे

भारत के विभिन्न नोटों पर छपीं हैं देश की कौन सी धरोहरें, UNESCO विश्व धरोहर में हैं शामिल

चैट जीपीटी की मदद से घटाया 11 किलो वजन, जानिए सिर्फ 1 महीने में कैसे हुआ ट्रांसफॉर्मेशन