बाल साहित्य : अच्छा जीवन

अंशुमन दुबे (बाल कवि)
नित आईने में देख अपना चेहरा संवार लिया,
कभी दिल के आईने में झांककर मन साफ बनाना है।
अच्छे गुणों को ग्रहण करके दुनिया को यह जताना है,
हम कुछ बनें न बनें अच्छा इंसान जरूर बनना है।
 
अच्छाई को यदि जीवन में लाना है,
हमें संघर्ष में आनंद उठाना है।
जिंदगी में हम सफल हों न हों,
कम से कम एक अच्‍छा जीवन बिताना है।
 
जीवन में जो अच्छाइयों को अपना पाए,
जो सभी बुराइयों से मुंह मोड़ जाए।
दुनिया में कई फूल खिलते हैं मगर,
वो अपनी महक दुनिया में सदा के लिए छोड़ जाए।
 
सबसे अधिक अच्छाई उस प्राणी के जीवन में,
जिसने दोनों हाथ जोड़कर ईश्वर के नमन में।
कहा विनम्रता लाकर अपने वचन में,
मेरा प्रणाम स्वीकार हो आपके अभिवादन में।
 
साभार- छोटी-सी उमर (कविता संग्रह) 

 
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