बाल साहित्य : सबसे छोटा होना

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
सोमवार, 22 सितम्बर 2014 (11:39 IST)
मम्मी पापा का तो है यह,
रोज रोज का रोना।
 
कभी हुई बिस्तर में सू सू,
डांट मुझे पड़ती है।
बिना किसी की पूंछतांछ मां,
मुझ पर शक करती है।
मैं ही क्यों रहता घेरे में,
गीला अगर बिछौना।
 
चाय गिरे या लुढ़के पानी,
मैं घोषित अपराधी।
फिर तो मेरी डर के मारे,
जान सूखती आधी।
पापा के गुस्से के तेवर,
मुझको पड़ते ढोना।
 
दिन भर पंखे चलते रहते,
बिजली रहती चालू।
दोष मुझे देकर सब कहते,
यह सब करता लालू।
बहुत कठिन है भगवन घर में,
सबसे छोटा होना।
 
Show comments

खाने में नमक की जगह मिलाएं ये चीज़ें, ब्लड प्रेशर भी रहेगा कम

क्या होता है डेवलपमेंट ट्रॉमा डिसऑर्डर? जानें बच्चों में दिखाई देने वाले इसके लक्षण

नन्ही-सी राजकुमारी के लिए चुनिए यूनीक और मीनिंगफुल नाम

आपकी दिनचर्या में दिखते हैं डायबिटीज के ये 8 लक्षण, जानें बचाव के उपाय

क्यों बुखार आने पर बच्चों के पैरों में होता है दर्द? जानिए इसका कारण और समाधान

पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद है जिनसेंग का सेवन, जानें 10 फायदे

पुरुष Intimate Hygiene के लिए फॉलो करें ये 5 टिप्स, नहीं होगा कोई संक्रमण

10 दिन के अंदर काटते रहें बच्चे के नाखून वरना हो सकते हैं ये 5 नुकसान

मत विभाजन का रुकना 2024 में महत्वपूर्ण निर्णायक मुद्दा है!

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है Puppy Yoga, जानें इसे करने का सही तरीका