मक्खी के दादाजी मक्खे,
अभी-अभी भागे गुड़ चख के।
जरा देर में फिर आ धमके।
बैठ गए हैं गुड़ पर जमके।
आह! नहीं अब उनकी खैर।
चिपक गए गुड़ में सब पैर।
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