भारत की गरिमा पर कविता : बच्चों! देश तुम्हारा..

श्रीमती इन्दु पाराशर
नई शती है, खड़ी प्रगति के,
द्वार यहां पर खोले।
देख-देख, भारत की ताकत,
सबकी हिम्मत डोले।
 
पुनर्प्रतिस्थापन का देखें,
समय आ गया है अब।
भारत की गरिमा महिमा फिर,
सबके सर, चढ़ बोले।
 
है विज्ञान क्षेत्र में अपनी,
प्रगति हुई बढ़-चढ़कर।
चांद देख आए हैं हम भी,
नीलगगन में चढ़कर।
 
भारत के वैज्ञानिक जग में,
समीकरण नव लाते।
अपनी बुद्धि और प्रतिभा के,
नव परचम फहराते।
 
विश्व दबा जाता मंदी के, 
विषम बोझ के नीचे।
तब अपने वाणिज्य जगत ने,
नए ग्राफ हैं खींचे। 
 
अपनी संस्कृति, अपने मूल्यों,
को सबने ही जाना है।
भारत जगत् गुरु 'था', 'है',
और 'होगा' यह माना है।
 
है अध्यात्म जगत में अपनी,
पहुंच सभी से गहरी।
देख-देख उसका प्रताप,
यह दुनिया ठिठकी ठहरी।
 
ऐसे नव-भारत के संग में,
उठो विश्व प्रांगण में।
जैसे तिमिर चीर निकला हो,
प्रखर सूर्य पूरब में।
 
बच्चों देश तुम्हारा है, 
इसके सौभाग्य तुम्हीं हो,
इसकी प्रगति-कथा के
निर्भय, गौरव गान तुम्हीं हो।
 
साभार - बच्चो देश तुम्हारा  

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने से जल्दी आता है बुढ़ापा, जानिए सच्चाई

चेहरे की ड्राईनेस को दूर भगाने के लिए लगाएं इन सब्जियों का रस, बदल जाएगी रंगत

पीसीओएस में हार्मोन संतुलन और वजन घटाने में बहुत फायदेमंद है ये कमल ककड़ी ड्रिंक, जानिए बनाने की सही विधि

कीमोथैरेपी से सूखे हिना खान के नाखून, जानिए किन होम रेमेडीज से कैंसर पेशेंट्स पा सकते हैं इस समस्या से राहत

बसौड़ा 2025: सप्तमी-अष्टमी के व्यंजन, इन पकवानों से लगाएं शीतला माता को भोग

सभी देखें

नवीनतम

मी लॉर्ड! यह कैसी टिप्पणी, बेटियों को बचाना चाहते हैं या अपराधियों को?

गर्मियों में इम्युनिटी बढ़ाने वाले इस डेली डाइट रूटीन को करें फॉलो, दिनभर रहेंगे एनर्जेटिक

टीचर और छात्र का चटपटा चुटकुला : गर्मी में सबसे ज्यादा क्या होता है?

घर पर कैसे बनाएं गर्मी में ठंडक पहुंचाने वाले रसीले शरबत, नोट करें 3 रेसिपी

नवगीत: घना हो तमस चाहे

अगला लेख