बाल कविता : चिड़िया का संदेश

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
इतना छोटा बना घोंसला,
इसमें तुम कैसे रहती हो। 
इसमें जगह कहां है चिड़िया,
जिसको अपना घर कहती हो। 
 

 
कहां तुम्हारा शयन कक्ष है,
कहां तुम्हारा बैठक खाना। 
यह भी तो बतला दो चिड़िया
कहां बनाती हो तुम खाना। 
 
बेटे-बहू तुम्हारे होंगे,
उनके कमरे कहां-कहां हैं। 
ब्याह किए होंगे बिटियों के,
पते बताओ जहां-जहां हैं। 
 
नाती-पोते साथ तुम्हारे,
रहते हैं या अलग-अलग हैं। 
सेवा करते कभी तुम्हारी,
बोलो उनके क्या रंग-ढंग हैं। 
 
बातें सुनकर चिड़िया रानी,
खूब हंसी, हंसकर मुस्काई। 
बोली अरे अक्ल के दुश्मन,
दुनिया तुमको समझ न आई। 
 
हम पंछी तो एक नीड़ में,
दुनिया नई बसा लेते हैं।
वही हमारे बैठक खाने,
भोजन कक्ष वहीं होते हैं। 
 
अपना-अपना काम हम सभी,
अपने हाथों से करते हैं।
छोटे से छोटे बच्चे भी,
अपने पर निर्भर रहते हैं। 
 
नहीं जोड़ते दाना-पानी,
न ही बंगले-महल बनाते। 
न नुकसान-नफे के हमको,
कोई भी दुःख-दर्द सताते। 
 
नहीं बुढ़ापा हमको आता,
कभी नहीं बीमार पड़े हम। 
किसी डॉक्टर किसी वैद्य के,
यहां कभी भी नहीं गए हम। 
 
यह सारा संसार हमारा,
धरती सारा अपना घर है। 
यह तन तो नश्वर है भाई,
एक आत्मा अजर-अमर है। 
 
Show comments

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में